ताहिर का हवाला दे नरेश बालियान ने भी मांगा पैरोल, कहा- पत्नी लड़ रही चुनाव; HC का क्या निर्देश
मकोका मामले में गिरफ्तार आप विधायक नरेश बाल्यान ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मिली राहत का हवाला देते हुए पैरोल की मांग की। बालियान ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आग्रह किया। कहा कि उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही है।
मकोका मामले में गिरफ्तार आप विधायक नरेश बाल्यान ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मिली राहत का हवाला देते हुए पैरोल की मांग की। बालियान ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से उन्हें छह घंटे के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी पैरोल दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस विकास महाजन से नरेश बाल्यान के वकील ने इस आधार पर राहत की मांग की कि विधायक आप के महत्वपूर्ण सदस्य थे। उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही है, जिनके पास इसका कोई अनुभव नहीं है। वकील ने कहा कि बाल्यान दो बार के विधायक हैं। उनके खिलाफ खिलाफ कोई अपराध नहीं बनाया गया है। कस्टडी पैरोल दी जा सकती है। चूंकि वह हिरासत में रहेंगे तो कोई बाधा नहीं होगी। वह मीडिया को बयान नहीं देंगे।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के वकील से इस पर निर्देश लेने को कहा। साथ ही 29 जनवरी को सुनवाई तय की। जज ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा, "निर्देश मांगें और आएं। वह जा सकता है और अपनी पत्नी के लिए चीजें व्यवस्थित कर सकता है।"
बाल्यान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें पूर्व आप पार्षद और फरवरी 2020 के दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को हिरासत पैरोल पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने की अनुमति दी गई थी। ताहिर एआईएमआईएण के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि बालियान की हिरासत पैरोल की वीडियोग्राफी भी की जा सकती है।
हालांकि, दिल्ली पुलिस के विशेष वकील अमित प्रसाद ने कहा कि आरोपी उम्मीदवार नहीं है। उसके खिलाफ जांच चल रही है। उन्होंने कहा, “मैं इसका जवाब दूंगा। गवाह भी उसी इलाके के हैं।” बाल्यान के वकील ने मामले में जमानत के लिए बहस करते हुए कस्टडी पैरोल की अनुमति मांगी। पुलिस ने पांच फरवरी को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अंतरिम जमानत की उनकी याचिका का विरोध किया।
बाल्यान के वकील ने तर्क दिया था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। एफआईआर में बालियान के नाम का भी जिक्र नहीं है और विधायक ने खुद इस अपराध के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने बालियान पर एक संगठित अपराध सिंडिकेट से जुड़े होने का आरोप लगाया है। बाल्यान को 4 दिसंबर, 2024 को मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिस दिन एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें कथित जबरन वसूली मामले में जमानत दी थी। दिल्ली पुलिस ने बालियान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि मामले में जांच महत्वपूर्ण चरण में है। अगर जमानत दी गई तो आरोपी जांच में बाधा डाल सकता है।
दिल्ली पुलिस के वकील ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में कथित सिंडिकेट सदस्यों के खिलाफ दर्ज 16 प्राथमिकियों का हवाला दिया। दावा किया कि इससे भारी अवैध संपत्ति अर्जित की गई है।