Hindi Newsएनसीआर न्यूज़aap may change candidates on these seats in delhi election 2025

दिल्ली में AAP के 3 विधायकों का कट सकता है टिकट, 6 सीटों पर नया चेहरा लगभग फाइनल

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान से पहले सियासी घमासान तेज हो चुका है। एक तरफ जहां पार्टियां प्रचार में जुट गई हैं तो दूसरी तरफ उम्मीदवारों की लिस्ट भी तैयार होने लगी है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 19 Nov 2024 10:01 AM
share Share

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान से पहले सियासी घमासान तेज हो चुका है। एक तरफ जहां पार्टियां प्रचार में जुट गई हैं तो दूसरी तरफ उम्मीदवारों की लिस्ट भी तैयार होने लगी है। इस मामले में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) सबसे आगे दिख रही है, जिसे 10 साल के शासन से उपजी एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना है। माना जा रहा है कि 'सत्ता विरोधी' भावनाओं से निपटने के लिए पार्टी कई ऐसी सीटों पर मौजूदा विधायकों का टिकट काट सकती है, जहां से फीडबैक ठीक नहीं मिल रहे हैं। हाल के दिनों में 'आप' ने भाजपा और कांग्रेस के आधा दर्जन नेताओं को पार्टी में शामिल किया है। इसके बाद 3 सीटों पर विधायकों के टिकट कटने की अटकलें तेज है। आने वाले समय में यह संख्या बढ़ सकती है।

किराड़ी में ऋतुराज झा पर लटकी तलवार

जिन विधायकों के टिकट कटने की संभावना जताई उनमें सबसे प्रमुख हैं ऋतुराज झा। किराड़ी से सीट से दो बार के पूर्व विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल झा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद से माना जा रहा है कि पार्टी इस बार ऋतुराज का टिकट काट सकती है। अनिल झा 2008 और 2013 में भाजपा के टिकट पर जीते थे, जबकि 2015 और 2020 में ऋतुराज को कड़ी टक्कर दी थी। ऋतुराज 2015 और 2020 में जीत हासिल कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस बार किराड़ी में काफी लोग उनसे असंतुष्ट हैं। हाल ही में किराड़ी की कुछ गलियों में उनके खिलाफ नो एंट्री के पोस्टर भी नजर आए थे। ऐसे में पार्टी ने इस बार अनिल झा पर दांव लगा सकती है। ऋतुराज पिछले कुछ दिनों से चुप्पी साधे हुए हैं। एक्स पर बेहद सक्रिय रहने वाले ऋतुराज ने 12 नवंबर के बाद कोई पोस्ट नहीं किया है।

मटियाला में गुलाब सिंह का कटेगा पत्ता?

'आप' जिन सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है उनमें मटियाला भी अहम है। पार्टी यहां 10 साल से विधायक गुलाब सिंह का टिकट काट सकती है। कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद इसकी अटकलें बढ़ गईं हैं। पिछले चुनाव में शौकीन भले ही यहां तीसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन दिल्ली देहात में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। सोमवार को शौकीन को पार्टी में शामिल करते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनकी जमकर तारीफ की।

सीलमपुर में अब्दुल रहमान की बढ़ी बेचैनी

सीलमपुर में पांच साल पहले करीब 37 हजार वोट के अंतर से जीत हासिल करने अब्दुल रहमान की बेचैनी भी बढ़ चुकी है। वजह है कांग्रेस के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद, उनके बेटे और बहू का आम आदमी पार्टी में शामिल होना। जिस दिन केजरीवाल ने मतीन के बेटे को 'आप' में शामिल कराया उसी दिन अब्दुल रहमान ने ना सिर्फ अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया बल्कि विचारों में फासला आने की बात भी एक्स पर लिखी। इसके बाद 2 नवंबर को वह प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार के एक अभियान में हिस्सा लेते हुए जरूर दिखे, लेकिन पिछले 15 दिनों से सोशल मीडिया पर चुप्पी साधे हुए हैं।

लक्ष्मीनगर में इस बार बीबी त्यागी पर दांव लगा सकती है AAP

आम आदमी पार्टी को पिछले चुनाव में लक्ष्मी नगर सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी उम्मीदवार नितिन त्यागी 2020 में करीब 800 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। हालांकि, त्यागी लोकसभा चुनाव के दौरान बागी हो गए। पार्टी से उन्हें निकाले जाने के बाद 'आप' को यहां नए चेहरे की तलाश थी। हाल ही में पार्टी ने भाजपा नेता बीबी त्यागी को शामिल किया है, जिसके बाद से उन्हें लक्ष्मीनगर से आप का नया चेहरा माना जा रहा है।

सीमापुरी सीट पर भी मिल गया नया चेहरा

सीमापुरी सीट से राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद से पार्टी को यहां एक दलित चेहरे की तलाश थी। 'आप' ने हाल ही में कांग्रेस के पूर्व विधायक वीर सिंह धींगान को अपने साथ जोड़ा है। खुद पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सदस्यता दिलाते हुए जिस तरह उनकी तारीफ की उसके बाद से उन्हें सीमापुरी से 'आप' के नए दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।

छतरपुर में भाजपा-आप की अदला-बदली

छतरपुर सीट पर 'आप' को उस समय बड़ा झटका लगा था जब लोकसभा चुनाव के नजदीक विधायक करतार सिंह तंवर इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। करतार सिंह के भाजपा में जाने के बाद आम आदमी पार्टी को यहां एक नए उम्मीदवार की जरूरत थी। हाल ही में पार्टी ने भाजपे के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक ब्रह्म सिंह तंवर को शामिल कराकर संभवत: यह कमी पूरी कर ली है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें