दिल्ली में निकला जापानी इंसेफेलाइटिस का मरीज, अतीत में राजधानी में क्या थी स्थिति
राजधानी दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस का एक मामला सामने आया है। मरीज की जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए जांच की गई और आईजीएम एलिसा पॉजिटिव पाया गया।
राजधानी दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस का एक मामला सामने आया है। दिल्ली नगर निगम ने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिमी दिल्ली के 72 वर्षीय वृद्ध को छाती में दर्द के चलते दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुसार सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए गए हैं।
जांच में पता चला बीमारी का पता
मरीज को डायबटीज है और उसे सीएचएफ के साथ कोरोनरी धमनी की भी बीमारी है। साथ ही उसे आंत और पेशाब करने से जुड़ी भी समस्याएं हैं। मरीज की जापानी इंसेफेलाइटिस (6 नवंबर को एकत्र किए गए रक्त के नमूने) के लिए जांच की गई और आईजीएम एलिसा पॉजिटिव पाया गया।
देश में इस बीमारी के मामले
आईडीएसपी के आंकड़ों के अनुसार 2024 में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जापानी इंसेफेलाइटिस के 1548 मामले सामने आए। इनमें अकेले असम से 925 मामले थे। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार वैक्सीन की दो खुराकें 2013 से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा रही हैं। वयस्क जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन को उच्च बोझ वाले राज्यों में पेश किया गया है।
अतीत में दिल्ली में क्या थी स्थिति
अतीत में दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस का कोई प्रकोप नहीं देखा गया है। हालांकि एम्स, राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग जैसे तृतीयक अस्पतालों से कभी-कभार कुछ मामले सामने आए हैं, ये मामले ज्यादातर पड़ोसी राज्यों से थे। सूत्र ने बताया कि एनसीवीबीडीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए गए हैं, लेकिन जापानी इंसेफेलाइटिस के इस एकाकी मामले के कारण चिंता की कोई बात नहीं है।
कैसे फैलता है जापानी इंसेफेलाइटिस
जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस आम तौर पर जलपक्षियों द्वारा फैलता है और सूअरों में फैलता है। यहाँ से यह संक्रमित क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से गलती से मनुष्यों में फैल जाता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के कारण बुखार हो सकता है और कुछ मामलों में न्यूरोलॉजिकल बीमारी हो सकती है और इससे मृत्यु भी हो सकती है। जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए कोई स्पेशल इलाज नहीं है और वायरस का मनुष्य से मनुष्य में संचरण नहीं होता है।