चायोस, कैसल बारबेक्यू सहित 5 रेस्टोरेंट को नोटिस, दिल्ली HC का नहीं माना यह आदेश; क्या है मामला
सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत मखना डेली, जीरो कोर्टयार्ड, कैसल बारबेक्यू, चायोस और फिएस्टा बाय बारबेक्यू नेशन को नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने कहा कि यह कार्रवाई उसके उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायतों के बाद की गई।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने दिल्ली हाईकोर्ट के हालिया फैसले के बावजूद सेवा शुल्क वापस न करने के आरोप में राजधानी में संचालित पांच रेस्तरां के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत मखना डेली, जीरो कोर्टयार्ड, कैसल बारबेक्यू, चायोस और फिएस्टा बाय बारबेक्यू नेशन को नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने कहा कि यह कार्रवाई उसके उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायतों के बाद की गई।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, "राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर मिली शिकायतों के जरिए सीसीपीए के संज्ञान में आया कि शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ रेस्तरां उपभोक्ताओं से पूर्व सहमति प्राप्त किए बिना अनिवार्य सेवा शुल्क लगाना जारी रख रहे हैं, जिससे उपभोक्ता अधिकारों की अवहेलना होती है और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त होते हैं।"
सीसीपीए अधिकारियों ने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद रेस्तरां या होटलों में सेवाओं का लाभ उठाते समय उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त राशि का भुगतान करने के लिए पड़ने वाले अनुचित दबाव को कम करना है। यह एक विवादास्पद मुद्दा है जो कानूनी मामला बन गया है और इसका रेस्तरां और होटलों द्वारा इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है, "केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने पांच रेस्तरां - मखना डेली, जीरो कोर्टयार्ड, कैसल बारबेक्यू, चायोस और फिएस्टा बाय बारबेक्यू नेशन के खिलाफ माननीय दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद अनिवार्य सेवा शुल्क वापस न करने को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।" जुलाई 2022 में सीसीपीए ने होटलों और रेस्तरां में सेवा शुल्क के संबंध में अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। इस साल मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने सेवा शुल्क पर सीसीपीए के दिशानिर्देशों को बरकरार रखा।