नोएडा एयरपोर्ट के पास मिलेगा घर बसाने का मौका, इन सेक्टरों में बनेंगे 40 हजार फ्लैट
यमुना प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 40 हजार फ्लैट बनेंगे। प्राधिकरण ने इसके लिए तीन सेक्टर में 20 भूखंडों की ग्रुप हाउसिंग योजना लॉन्च की है। योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई, जो 18 दिसंबर तक चलेगी।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 40 हजार फ्लैट बनेंगे। प्राधिकरण ने इसके लिए तीन सेक्टर में 20 भूखंडों की ग्रुप हाउसिंग योजना लॉन्च की है। योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई, जो 18 दिसंबर तक चलेगी।
यमुना प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अप्रैल अंत में विमानों की उड़ानें प्रस्तावित हैं। इसको लेकर प्रक्रिया तेजी से चल रही है। दावा है कि उड़ानें शुरू होने के बाद यमुना सिटी में तेजी से आबादी बढ़ेगी। यहां पर देश-विदेश की अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपनी यूनिट शुरू करेंगी, जिससे हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
उन्होंने बताया कि नौकरी करने आने वाले लोगों को रहने में दिक्कत न हो, इसके लिए ग्रुप हाउसिंग योजना शुरू की गई है। इनके 20 भूखंड सेक्टर-17, 18 और 22डी में हैं। इनमें भी सेक्टर-17 में छह भूखंड, सेक्टर-18 में पांच और सेक्टर-22डी में नौ भूखंड रहेंगे। छोटे से लेकर बड़े भूखंडों को योजना में शामिल किया गया है। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। यीडा ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर योजना का ब्रॉशर भी अपलोड कर दिया है। 20 जनवरी को योजना के तहत ई-नीलामी प्रक्रिया होगी, जो भी बिल्डर सबसे ऊंची बोली लगाएगा, उसे ही आवंटन कर दिया जाएगा।
प्लॉट की योजना जारी : एयरपोर्ट के पास सेक्टर-24 में आवासीय भूखंड योजना जारी है। 30 नवंबर तक आवेदन प्रक्रिया चलनी है। इस योजना के तहत अभी तक 62 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। दिसंबर में योजना के तहत ड्रॉ होगा।
हर भूखंड पर तीन आवेदन आने जरूरी
यमुना प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग की आवंटन नीति में बदलाव किया है। अब ग्रुप हाउसिंग समेत अन्य सभी योजनाओं में ई-नीलामी के जरिए प्रत्येक भूखंड के लिए कम से कम तीन आवेदन प्राप्त होने जरूरी होंगे। वहीं, जब तक पहला भूखंड नहीं बिकता है, तब तक प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। किसी भूखंड पर तीन से कम आवेदन होंगे तो उस भूखंड का किसी भी बिल्डर को आवंटन नहीं होगा। योजना के तहत 10 हजार से लेकर 90 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर फ्लैट बनेंगे।
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने कहा, ''योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी के जरिये होगा। प्रत्येक भूखंड पर बोली के लिए तीन आवेदन आने जरूरी होंगे।''