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1600 टन प्याज दिल्ली ला रही 'कांदा एक्सप्रेस', किसे मिलेगा फायदा

  • सरकार त्योहारों के मद्देनजर प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर स्टॉक (भंडार) से 1,600 टन प्याज पहली बार महाराष्ट्र से दिल्ली तक रेलवे के जरिए पहुंचाएगी। आइए जानते हैं इससे किसका फायदा होगा।

Mohammad Azam भाषा, नई दिल्लीThu, 17 Oct 2024 03:23 PM
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सरकार त्योहारों के मद्देनजर प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर स्टॉक (भंडार) से 1,600 टन प्याज पहली बार महाराष्ट्र से दिल्ली तक रेलवे के जरिए पहुंचाएगी। प्याज के लिए रेल का इस्तेमाल किए जाने की यह पहली पहल होगी। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि ‘कांदा एक्सप्रेस’ नाम की विशेष ट्रेन महाराष्ट्र के लासलगांव रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और 20 अक्टूबर को दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी। इससे आम लोगों को प्याज की कीमतों में कुछ राहत मिल सकती है।

सरकार को उम्मीद है कि इस आपूर्ति से दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी, जहां बफर स्टॉक का प्याज वर्तमान में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। वर्तमान में विभिन्न शहरों में प्याज की खुदरा कीमतें 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। खरे ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था लखनऊ, वाराणसी और असम, नगालैंड तथा मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी की जाएगी।

सरकार नुकसान को कम करने के लिए ‘सीलबंद कंटेनर’ परिवहन के लिए लॉजिस्टिक कंपनी कॉनकॉर्ड के साथ भी बातचीत कर रही है। थोक कीमतें कम करने के लिए प्याज की नीलामी मौजूदा बाजार दरों पर की जाएगी। सचिव ने कहा कि यह निर्णय लागत प्रभावी और कुशल उपाय है। उन्होंने कहा कि नासिक से दिल्ली तक एक ट्रेन (56 ट्रकों के बराबर) के परिवहन पर रेल द्वारा 70.20 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि सड़क मार्ग से 84 लाख रुपये का खर्च आता है। इस प्रकार प्रति ट्रेन 13.80 लाख रुपये की बचत होती है।

सरकार पांच सितंबर से मोबाइल वैन, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) दुकानों, ई-कॉमर्स मंच, मदर डेयरी की सफल दुकानों और केन्द्रीय भंडार सहित विभिन्न माध्यमों से भंडार में रखे प्याज को रियायती दरों पर बेच रही है। खुदरा कीमतें कम करने के लिए अपनी कार्रवाई तेज करते हुए दिवाली से पहले ‘मोबाइल वैन’ की संख्या 600 से बढ़ाकर 1,000 कर दी जाएगी।

सचिव ने कहा कि बफर स्टॉक के 4.7 लाख टन प्याज में से 91,960 टन एनसीसीएफ तथा नेफेड को आवंटित किया गया है। वहीं 86,000 टन गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों को भेजा गया है। इन उपायों और महाराष्ट्र से अपेक्षित ताजा फसल की आवक के साथ सरकार मूल्य स्थिरीकरण को लेकर आशान्वित है। भंडार से प्याज का औसत खरीद मूल्य 28 रुपये प्रति किलोग्राम है। एनसीसीएफ की प्रबंध निदेशक अनिस जोसेफ चंद्रा, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनुपम मिश्रा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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