Hindi Newsएनसीआर न्यूज़11 Bangladeshis arrested by Noida police from Salarpur had reached India via Nagar river

नागर नदी के रास्ते भारत पहुंचे थे नोएडा से गिरफ्तार 11 बांग्लादेशी, पूछताछ में उगले एजेंटों के नाम

नोएडा के सलारपुर से गिरफ्तार 11 बांग्लादेशी नागरिक नागर नदी के जरिये भारत पहुंचे थे। नोएडा पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है। पुलिस को उन्हें घुसपैठ कराने वाले बांग्लादेशी और भारतीय एजेंटों के नाम भी मिल गए हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नोएडा। रवि प्रकाश सिंह रैकवारMon, 17 Feb 2025 01:42 PM
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नागर नदी के रास्ते भारत पहुंचे थे नोएडा से गिरफ्तार 11 बांग्लादेशी, पूछताछ में उगले एजेंटों के नाम

नोएडा के सलारपुर से गिरफ्तार 11 बांग्लादेशी नागरिक नागर नदी के जरिये भारत पहुंचे थे। नोएडा पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है। पुलिस को उन्हें घुसपैठ कराने वाले बांग्लादेशी और भारतीय एजेंटों के नाम भी मिल गए हैं। अब इस मामले की जांच में एलआईयू समेत कई केंद्रीय एजेंसी भी लग गई हैं।

पुलिस के मुताबिक, सलारपुर से दबोचे गए आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि बांग्लादेश के ठाकुरगांव में घुसपैठ के लिए लोग एकत्र होते हैं। वहां एक व्यक्ति छह हजार रुपये लेकर घुसपैठ कराता है। अवैध घुसपैठ के इच्छुक लोगों को बांग्लादेश की सीमा में लगने वाली नागर नदी के पास एकत्र किया जाता है। नदी में पानी काफी कम होता है, ऐसे में लोग पैदल ही इसे पार कर लेते हैं। रात में महज चार घंटे में उन्हें पश्चिम बंगाल की सीमा में दाखिल करा दिया जाता है। सिलीगुड़ी और मालदा होते हुए बांग्लादेशी नागरिक किशनगंज पहुंचते हैं और वहां से देश के अलग-अलग हिस्से में अपना ठिकाना बना लेते हैं।

आरोपियों का दावा है कि हजारों लोग अब तक अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ कर चुके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे घुसपैठियों की गिरफ्तारी के लिए नोएडा पुलिस आगामी दिनों में व्यापक स्तर पर अभियान चलाने जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, देश के अलग-अलग हिस्से में लाखों की संख्या में बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और दिल्ली में हैं।

पूछताछ में पता चला कि बीते छह से आठ महीने में जिन लोगों ने अवैध रूप से देश की सीमा में प्रवेश किया, उनमें से ज्यादातर की उम्र 18 से 30 साल के बीच है। वे राजमिस्त्री समेत अन्य काम में निपुण हैं। बांग्लादेश में पूरे दिन काम करने के बाद जहां उन्हें मजदूरी के तौर पर 250 से 300 रुपये मिलते हैं, वहीं भारत में इसके लिए उन्हें एक हजार रुपये तक मिल जाते हैं। ज्यादातर लोग झुग्गियों या ऐसे किराये के मकानों में रहते हैं, जहां दस्तावेज संबंधी जांच ठीक से नहीं होती है। आधार कार्ड भी ऐसे नागरिकों के फर्जी बनाए जाते हैं। इसके लिए पूरा एक गिरोह काम कर रहा है।

आरोपियों के तीन साथी अब भी फरार

सलारपुर से पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों ने दो हजार रुपये प्रति माह किराये पर कमरे लिए थे। आरोपियों के तीन साथी अब भी फरार हैं। आरोपी फर्जी दस्तावेज के सहारे सिम कार्ड भी जारी करवा लेते हैं। बांग्लादेश में जो व्यक्ति सीमा पार कराता है, उसके बारे में भी आरोपियों ने जानकारी दी है। पुलिस आरोपियों के आधार कार्ड बनाने वालों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

चोरी की वारदातों को भी अंजाम दिया था

पुलिस टीम बुधवार को सलारपुर में चेकिंग कर रही थी। पुलिस टीम को देखकर तीन लोग भागे और सुमित भाटी के घर की छत पर चढ़ गए थे। लोगों ने तीनों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। उनकी निशानदेही पर गुरुवार को 8 और बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए। आरोपी आपराधिक घटनाओं में भी शामिल रहे हैं और इनमें से कई ने चोरी की वारदात भी की हैं।

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