भारत-पाकिस्तान के बीच फिर से खेले जाएंगे क्रिकेट मैच? जयशंकर की यात्रा से बढ़ी उम्मीदें
- विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान की यात्रा पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई थी। सूत्रों का कहना है दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक बात तो नहीं हुई, लेकिन दोनों देशों के नेताओं ने छोटे-छोटे टुकड़ों में एक दूसरे के साथ चर्चा जरूर की। इससे संबंध में नरमी आने के संकेत मिल रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले दो दिनों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के साथ बातचीत की, लेकिन देशों के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई। इसके साथ ही करीब 9 वर्षों के बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा संपन्न हुई। जयशंकर ने मेहमाननवाजी के लिए शहबाज और डार धन्यवाद दिया। जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि भारत पाकिस्तान के प्रति निष्क्रिय नहीं है। सकारात्मक और नकारात्मक घटनाक्रमों पर उसी के अनुसार प्रतिक्रिया करेगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच बैठक के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच फिर से शुरू करने पर बात हुई।
भारत सरकार के सूत्रों ने बातचीत को आकस्मिक बातचीत बताया। वहीं, पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार शाम को पाकिस्तान के शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित रात्रिभोज के दौरान जयशंकर और डार के बीच 5 से 7 मिनट तक थोड़ी देर की बातचीत हुई। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के जयशंकर और डार की बातचीत में शामिल होने की बात पता चली है।
नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने पर दोनों देशों के नेताओं के बीच बात हुई है। नकवी के हवाले से कहा गया कि भले ही दोनों देशों में से किसी ने भी द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव नहीं रखा लेकिन जयशंकर की यात्रा रिश्तों पर पड़ी बर्फ तोड़ने वाली थी। आपको बता दें कि पाकिस्तान अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करना चाहता है। पाकिस्तान चाहता है कि भारत इसमें भाग ले।
अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के फैसले के बाद पाकिस्तान द्वारा अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाए जाने के बाद हालात और खराब हो गए। भारत सरकार के सूत्रों ने इस बात की सराहना की कि शिखर सम्मेलन के मेजबान के रूप में शहबाज ने अपनी टिप्पणी में किसी भी द्विपक्षीय मुद्दे को नहीं उठाया।
बताया जाता है कि जयशंकर ने बुधवार को एससीओ लंच टेबल पर डार के साथ एक और लंबी बातचीत की। दोनों एक-दूसरे के बगल में बैठे थे। उन्होंने कहा, "शुरू में इस तरह की योजना नहीं थी, लेकिन बाद में वे एक साथ बैठे और अन्य लोगों की मौजूदगी में लंच पर बात की।"
दोनों देशों ने इस बात से इनकार किया कि बातचीत फिर से शुरू करने का कोई प्रस्ताव था। अगले महीने अजरबैजान में सीओपी29 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के आमने-सामने आने की उम्मीद है। किसी भी ठोस बातचीत के लिए भारत चाहेगा कि पाकिस्तान पहले उच्चायुक्त की नियुक्ति करे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के एक अन्य मंत्री अहसान इकबाल ने मंगलवार को भारत के पत्रकारों से कहा था कि पाकिस्तान चाहता है कि दोनों देश 1999 के लाहौर घोषणापत्र पर वापस लौटे, जिसमें दोनों पक्षों से एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज करने का आह्वान किया गया था।