Hindi Newsदेश न्यूज़Why was security of wrestlers who accused Brij Bhushan Sharan Singh withdrawn court reprimanded Delhi Police

बृज भूषण शरण सिंह पर आरोप लगाने वाली पहलवानों की क्यों हटाई सुरक्षा, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

  • अदालत तीन पहलवानों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर विचार कर रही थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि बुधवार रात को उनकी सुरक्षा अचानक हटा दी गई थी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 Aug 2024 06:43 AM
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दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर पुलिस को निर्देश दिया कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों की सुरक्षा तुरंत बहाल करे। यह अंतरिम आदेश अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने पारित किया है। उन्होंने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि पहलवान को मामले के संबंध में अपना बयान दर्ज करने के लिए शुक्रवार को अदालत में उपस्थित होना आवश्यक है।

अदालत तीन पहलवानों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर विचार कर रही थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि बुधवार रात को उनकी सुरक्षा अचानक हटा दी गई थी। अदालत ने मांग की है कि पुलिस शुक्रवार तक एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करे, जिसमें आवेदकों को प्रदान की गई सुरक्षा वापस लेने के आधार बताए जाएं।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मजिस्ट्रेट ने कहा, "शिकायतकर्ता/पीड़ित संख्या 4 की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम उपाय के रूप में संबंधित डीसीपी को निर्देश दिया जाता है कि वह गवाही पूरी होने तक और अदालत से अगले आदेश पाने तक उसकी सुरक्षा के लिए तत्काल और उचित व्यवस्था करें। संबंधित डीसीपी को अगली तारीख पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश के साथ नोटिस जारी किया जाए।"

शीर्ष भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार शाम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उनके पोस्ट के अनुसार, पुलिस ने उन महिला पहलवानों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है जो अदालती कार्यवाही में बृजभूषण सिंह के खिलाफ गवाही देने वाली हैं।

फोगाट ने एक पोस्ट में कहा, "दिल्ली पुलिस ने उन महिला पहलवानों की सुरक्षा वापस ले ली है, जो अदालत में बृज भूषण के खिलाफ गवाही देने वाली हैं।'' उन्होंने इस पोस्ट में दिल्ली पुलिस के साथ-साथ राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग को भी टैग किया।

आवेदन में कहा गया है, "शिकायतकर्ताओं को उनकी सुरक्षा के लिए पीएसओ प्रदान किए गए हैं। हालांकि शिकायतकर्ताओं को हाल ही में उनके पीएसओ द्वारा सूचित किया गया है कि उच्च अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के अनुसार उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है। जब शिकायतकर्ता संख्या 4 को गवाही देने के लिए अदालत के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक है इसी दौरान उनकी सुरक्षा वापस ली गई है।"

आवेदन में अदालत से आवेदकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश पारित करने का आग्रह किया गया है।

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