राहुल गांधी को लाल किले पर 5वीं लाइन में क्यों बिठाया, ओलंपिक विजेता बने वजह? समझिए
- पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के पद का अपमान नहीं था, बल्कि भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज राहुल गांधी संसद में उठाते हैं।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि लाल किले पर हुए स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बेहद पीछे बिठाया गया। कांग्रेस ने कहा कि राहुल को पीछे बैठाना प्रधानमंत्री की कुंठा को दिखाता है और यह दर्शाता है कि सरकार को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की कोई परवाह नहीं है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के पद का अपमान नहीं था, बल्कि भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज राहुल गांधी संसद में उठाते हैं।
एक दशक में यह पहली बार था जब स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विपक्ष का कोई नेता लाल किले पर मौजूद था। राहुल गांधी को 5वीं लाइन में बैठे देखा गया था। उनसे आगे हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों के भारतीय दल के सदस्य बैठे थे। हालांकि अब इस मामले पर केंद्र सरकार ने सफाई दी है। इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से सूत्रों ने कहा सभी कि बैठने की सभी व्यवस्थाएं वरीयता तालिका के अनुसार की गईं थीं। इस वर्ष यह निर्णय लिया गया कि पेरिस ओलंपिक के पदक विजेताओं को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा।
इसलिए आगे की पंक्तियों में मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता बैठे थे। ओलंपिक कांस्य विजेता हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश सहित टीम के सदस्य भी राहुल गांधी से आगे बैठे थे। प्रोटोकॉल के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता को हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है। आगे की पंक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर जैसे केंद्रीय मंत्री बैठे थे। हालांकि लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा भी कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है।
वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी जी, अब समय आ गया है कि आप 4 जून के बाद नयी वास्तविकता को स्वीकार करें। जिस अहंकार के साथ आपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा नेता राहुल गांधी जी को अंतिम पंक्ति में भेज दिया, उससे पता चलता है कि आपने सबक नहीं सीखा है। " उन्होंने दावा किया, "रक्षा मंत्रालय की यह कमजोर दलील है कि यह "ओलंपियनों (ओलंपिक प्रतिभागियों) के सम्मान के लिए था। इसका कोई ज्यादा मतलब नही है। ओलंपियन हर तरह से सम्मान के पात्र हैं, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि अमित शाह या निर्मला सीतारमण जी जैसे कैबिनेट मंत्रियों को उनसे आगे की पंक्ति में सीटें कैसे मिल जाती हैं।"
उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों सदनों के एलओपी को भी आगे की पंक्ति में बैठना चाहिए, ‘‘लेकिन राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सीटें 5वीं पंक्ति में थीं। यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष या राहुल जी के पद का अपमान नहीं था; यह भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज़ राहुल जी संसद में उठाते हैं।" वेणुगोपाल ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि सच्चाई कुछ लोगों को कितनी असहज कर सकती है - इतना कि वे इसका सामना करने के बजाय बैठने की जगह को फिर से व्यवस्थित करना पसंद करेंगे।"