Hindi Newsदेश न्यूज़Why Pakistan celebrate Black Day on 27 October Yearning for Kashmir or anger against Maharaja Hari Singh

कश्मीर की तड़प या महाराजा हरि सिंह से खुन्नस? पाकिस्तान 27 अक्टूबर को क्यों मनाता है काला दिवस

  • 27 अक्टूबर 1947 का दिन भारत और पाकिस्तान के लिए इतिहास का एक बड़ा मोड़ साबित हुआ। इस दिन को भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय की ऐतिहासिक घटना के रूप में देखा जाता है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 25 Oct 2024 07:36 PM
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जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की बेताबी किसी से छिपी नहीं है। जिस दिन महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय करने का ऐतिहासिक फैसला लिया, उस दिन से पाकिस्तान का रोष और दुख निरंतर बना हुआ है। यही वजह है कि पाकिस्तान हर साल 27 अक्टूबर को “काला दिवस” के रूप में मनाता है। यह वही दिन है, जब 1947 में भारतीय सेना श्रीनगर में उतरकर पाकिस्तानी हमलावरों को खदेड़ने के लिए आगे बढ़ी थी।

महाराजा हरि सिंह का वो अहम फैसला

ब्रिटिश राज के अंत के बाद, जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह स्वतंत्र रहना चाहते थे। लेकिन पाकिस्तान समर्थित कबायली हमलों और घुसपैठियों ने हालात बदल दिए। इस स्थिति में महाराजा हरि सिंह ने भारत से सहायता की अपील की और 27 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय सुनिश्चित करते हुए विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके तुरंत बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान समर्थित हमलावरों को पीछे धकेलते हुए जम्मू-कश्मीर में स्थिरता की ओर कदम बढ़ाए।

पाकिस्तान का हमेशा से यह दावा रहा है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर पर अन्यायपूर्ण तरीके से कब्जा किया। हर साल 27 अक्टूबर को पाकिस्तान कश्मीर के लिए विरोध प्रदर्शन करता है और कश्मीरियों की आजादी के अधिकार का समर्थन जताते हुए काला दिवस के रूप में इस दिन को मनाता है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का सम्मान नहीं किया और कश्मीर को अवैध रूप से भारत का हिस्सा बना लिया।

एससीओ बैठक के बाद पाक उठाएगा कश्मीर का मुद्दा

शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की हालिया बैठक के कुछ ही दिन बाद, पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर को लेकर सक्रिय हो गया है। इस बार पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलोच इस्लामाबाद में विदेशी राजनयिकों को कश्मीर की ताजा स्थिति पर ब्रीफ करेंगी। यह बैठक 27 अक्टूबर से पहले पाकिस्तान के कश्मीर राग को उजागर करती है। पाकिस्तान का मानना है कि इस तरह के कदम वह विश्व का ध्यान केंद्रित कर सकेगा।

कश्मीर पर क्या रहा है भारत का रुख

भारत का हमेशा से यह स्पष्ट रुख रहा है कि जम्मू-कश्मीर का विलय पूरी तरह से कानूनी और न्यायपूर्ण था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को केवल राजनीतिक फायदा लेने के लिए उभारता है और वहां बढ़ते आतंकी हमलों का समर्थन करता है। भारत के लिए 27 अक्टूबर एक ऐतिहासिक दिन है, जबकि पाकिस्तान के लिए यह दिन काला दिवस का प्रतीक बना हुआ है।

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