YSRCP के सांसद ने क्यों किया राजनीति से संन्यास का ऐलान, आज राज्यसभा से भी दे दिया इस्तीफा
- वाईएसआरसीपी 2014 से 2019 तक विपक्ष में थी, तब विजयसाई रेड्डी ने दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ मजबूत राजनीतिक संबंध स्थापित किये थे। उन्होंने 2019 के आम चुनावों में वाईएसआरसीपी की शानदार जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
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वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी ने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने राजनीति से रिटायरमेंट का ऐलान किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा किसी पद, लाभ या वित्तीय लाभ के लिए नहीं है। उन्होंने लिखा, "मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं। मेरा इस्तीफा किसी पद/स्टेटस, लाभ, या वित्तीय फायदे के लिए नहीं है। यह निर्णय पूरी तरह से व्यक्तिगत है। मुझ पर कोई दबाव नहीं है।"
यह फैसला राजनीतिक हलकों में हैरानी का कारण बन गया है। आपको बता दें कि विजयसाई रेड्डी की पहचान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता के रूप में है, जिन्होंने पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। इस निर्णय के बाद यह सवाल उठ रहा है कि रेड्डी के इस फैसले के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और इसका राज्यसभा में पार्टी के प्रभाव पर क्या असर पड़ेगा।
आपको बता दें आंध्र प्रदेश में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य वी विजयसाई रेड्डी ने शुक्रवार को राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, “मैं राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं 25 जनवरी को राज्यसभा से इस्तीफा दे दूंगा। मेरा इस्तीफा किसी पद, लाभ या आर्थिक लाभ के लिए नहीं है। यह निर्णय पूरी तरह से व्यक्तिगत है। मुझ पर कोई दबाव, जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव नहीं है। मैं हमेशा वाईएस परिवार का ऋणी रहूंगा, जिसने चार दशकों तक मेरा साथ दिया है।”
उन्होंने आगे कहा , “मेरे तेलुगू देशम पार्टी के साथ राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन चंद्रबाबू नायडू और उनके परिवार के साथ कोई व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। पवन कल्याण के साथ मेरी दोस्ती हमेशा के लिए है। भविष्य में मेरा ध्यान कृषि पर रहेगा।”
विजयसाई रेड्डी को वाईएसआरसीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का बेहद करीबी सहयोगी और पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक माना जाता है। भ्रष्टाचार के मामलों में जगन मोहन रेड्डी के साथ वह दूसरे नंबर के आरोपी हैं तथा उनके साथ कई महीनों तक जेल में रहे। वाईएसआरसीपी सांसद अभी जमानत पर हैं।
वाईएसआरसीपी 2014 से 2019 तक विपक्ष में थी, तब विजयसाई रेड्डी ने दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ मजबूत राजनीतिक संबंध स्थापित किये थे। उन्होंने 2019 के आम चुनावों में वाईएसआरसीपी की शानदार जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। इस बीच वाईएसआरसीपी नेताओं ने कहा कि विजयसाई रेड्डी का राजनीति छोड़ना पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। नेताओं ने हालांकि दावा किया कि उन्हें नहीं पता कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया।