DCP के बेटे ने क्यों लगा ली फांसी, कांच पर लिखा- क्विट नहीं रीस्टार्ट कर रहा हूं
- साहिल ने यह कदम क्यों उठाया, अब तक साफ नहीं हो सका है। रविवार सुबह 6 बजे घटना का तब पता चला जब डीसीपी नांदेकर मॉर्निंग वॉक के लिए निकले। आम दिनों की तरह ही वह अपने बेटे को उठाने के लिए गए और पाया कि गेट अंदर से बंद था, जो उनके लिए असामान्य था।
महाराष्ट्र पुलिस के एक बड़े अधिकारी के बेटे ने आत्महत्या कर ली। नाबालिग ने ऐसा कदम क्यों उठाया यह अब तक साफ नहीं हो सका। पुलिस को जांच के दौरान कांच पर एक संदेश लिखा हुआ मिला है, जिसमें किशोर 'रीस्टार्ट' करने की बात कर रहा है। फिलहाल, पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ का केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, DCP (मुख्यालय) शीलवंत नांदेकर के बेटे 17 वर्षीय बेटे साहिल ने फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। घटना रविवार सुबह की है। खास बात है कि साहिल स्कूल में था और साथ ही IIT एंट्रेस एग्जाम की तैयारी भी कर रहा था। खबर है कि साहिल पढ़ने में भी बेहद होशियार था और अपनी क्लास के मेधावी छात्रों में शामिल था।
शुक्रवार को साहिल ने परिवार और दोस्तों के साथ दशहरा मनाया। इसके बाद उसने माता-पिता के साथ डिनर लिया और बातचीत भी की। मध्यरात्रि में उसने पैरेंट्स को बताया कि वह बेडरूम में पढ़ाई करने जा रहा है।
क्यों की आत्महत्या
साहिल ने यह कदम क्यों उठाया, अब तक साफ नहीं हो सका है। रविवार सुबह 6 बजे घटना का तब पता चला जब डीसीपी नांदेकर मॉर्निंग वॉक के लिए निकले। आम दिनों की तरह ही वह अपने बेटे को उठाने के लिए गए और पाया कि गेट अंदर से बंद था, जो उनके लिए असामान्य था। कई बार खटखटाने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला, तो पुलिस अधिकारी घर के बाहर गए और खिड़की से देखा कि बेटा लटका हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, किशोर ने बेडरूम के कांच पर लिखा, 'मैंने इस जीवन और शरीर के साथ बहुत मजा किया। मैं रीस्टार्ट करना चाहता हूं। मैं क्विट नहीं कर रहा हूं।' बेटे की लाश को देखते ही अधिकारी ने पुलिस और रिश्तेदारों को सूचित किया। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्ट मॉर्टम के बाद शव परिवार के सुपुर्द कर दिया गया था।