Hindi Newsदेश न्यूज़Why CM Chandrababu Naidu TDP is keeping quiet on Gautam Adani indictment in US

अडानी ने आंध्र के अधिकारी को दी थी 1750 करोड़ की रिश्वत? आरोपों पर चुप्पी क्यों साधे है नायडू की TDP

  • यह मामला राज्य में राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और उसके सहयोगी दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, अमरावतीThu, 21 Nov 2024 06:18 PM
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अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी के आरोपों में दर्ज हुए केस ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। आरोप है कि अडानी समूह ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए कथित तौर पर 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वत दी, जिसमें से 1,750 करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी को मिले। यह मामला राज्य में राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और उसके सहयोगी दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। टीडीपी के नेताओं ने इस मामले पर अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है।

टीडीपी का रुख क्यों है सावधान?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम चद्रबाबू नायडू के बेटे व मंत्री नारा लोकेश नायडू ने कहा, "विधानसभा में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।" वहीं टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पट्टाभि राम ने कहा, "हमने अमेरिकी अदालत के मामले के बारे में सुना है। हम एक या दो दिन में इस पर गौर करेंगे।" पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे अभी हालात को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

टीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से पहले "सभी संभावित पहलुओं" का आकलन कर रही है। आरोप यह भी है कि रिश्वत का यह मामला वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान हुआ। हालांकि टीडीपी इस उलझन में पड़ने को लेकर सावधान है। रिपोर्ट के मुताबिक, टीडीपी के एक नेता ने कहा, "हमें कोई भी कदम उठाने से पहले इसके फायदे और नुकसान को तौलना होगा। हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं।"

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मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में अडानी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की थी। राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए टीडीपी अडानी समूह पर निर्भर है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक मंत्री ने बताया कि "नायडू (मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू) खुद निवेश के लिए समूह से संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की... आंध्र प्रदेश को सौर ऊर्जा की जरूरत है और वह अडानी सोलर के साथ किए गए बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) को रद्द करने की स्थिति में नहीं है। जब जगन 2019 में सत्ता में आए, तो उन्होंने टीडीपी सरकार द्वारा किए गए कई पीपीए रद्द कर दिए, जिससे राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते हैं।"

इसके अलावा, नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री के. पवन कल्याण ने भाजपा को टीडीपी-जन सेना पार्टी गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी किया था। केंद्र में, टीडीपी एनडीए की एक प्रमुख सहयोगी है। श्रीकाकुलम से टीडीपी सांसद के राम मोहन नायडू केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं जबकि गुंटूर से टीडीपी सांसद डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी केंद्रीय ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री हैं।

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विपक्ष ने बोला है हमला

कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम ने इस मुद्दे को उठाने का बीड़ा उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीआई के राज्य सचिव के. रामकृष्णा ने कहा, "हमने 2021 में ही इस ‘डील’ पर सवाल उठाए थे। अब अमेरिका में हुए मुकदमे ने हमारे दावों को सही साबित कर दिया है।" सीपीआई ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। सीपीआई (एम) के महासचिव डी. राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस पर जवाब देने को कहा है।

वाईएसआरसीपी और टीडीपी पर सवाल

अमेरिकी मुकदमे में "विदेशी अधिकारी 1" का जिक्र है, जो मई 2019 से जून 2024 तक एक शीर्ष सरकारी पद पर रहे। सीपीआई ने आरोप लगाया है कि 2021 में वाईएस जगन मोहन रेड्डी और गौतम अडानी के बीच हुई "गुप्त बैठक" के बाद अडानी समूह को राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का ठेका मिला। इस बीच, वाईएसआरसीपी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

क्या है पूरा मामला?

उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स अडानी पर अमेरिकी अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा आपराधिक अभियोग दायर किया गया है, जिसमें उन पर तथा उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश जैसे राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है, ताकि 20 वर्षों में दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का लाभ कमाया जा सके।

मुकदमे के अनुसार, नई दिल्ली स्थित एज्यूर पावर भी कथित रिश्वतखोरी साजिश का हिस्सा थी। इसके अलावा, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने भी गौतम और सागर अडानी तथा एज्यूर पावर के एक अधिकारी पर ‘‘संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी-रोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने’’ का आरोप लगाया।

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