4,000 बेनाम शवों का अंतिम संस्कार, BBC 100 महिलाओं की लिस्ट में नाम; कौन हैं दिल्ली की पूजा शर्मा
- पूजा शर्मा का जन्म 7 जुलाई 1996 को दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। वह ब्राइट द सोल फाउंडेशन नाम की एक एनजीओ की संस्थापक हैं।
Who Is Pooja Sharma: दिल्ली में पिछले कई वर्षों से 4,000 से अधिक बेनाम शवों के अंतिम संस्कार कर चुकीं पूजा शर्मा को बीबीसी की 2024 की 100 प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं (BBC 100 Women 2024) की सूची में जगह मिली है। इस सूची में भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, हॉलीवुड अभिनेत्री शेरोन स्टोन, ओलंपिक एथलीट रेबेका आंद्रेडे और एलीसन फेलिक्स जैसे नाम शामिल हैं।
कौन हैं पूजा शर्मा?
पूजा शर्मा का जन्म 7 जुलाई 1996 को दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। वह "ब्राइट द सोल फाउंडेशन" नाम की एक एनजीओ की संस्थापक हैं, जो समाज के हाशिये पर रहने वाले समुदायों के कल्याण के लिए काम करती है। इस एनजीओ का उद्देश्य जरूरतमंदों को सशक्त बनाना और उन्हें प्रेरित करना है।
2022 में, पूजा ने अपने बड़े भाई को खो दिया था। उनके भाई को एक छोटी सी बहस के बाद बेरहमी से मार दिया गया था। परिवार को जब किसी का सहारा नहीं मिला, तो पूजा ने खुद अपने भाई का अंतिम संस्कार किया। उन्होंने समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए अपने सिर पर पगड़ी बांधकर यह संस्कार किया। तभी से, उन्होंने उन लोगों के अंतिम संस्कार करने का संकल्प लिया, जिनका कोई नहीं होता।
4,000 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार
पिछले तीन वर्षों में, पूजा ने दिल्ली में हजारों बेनाम शवों का अंतिम संस्कार किया है। यह काम करने के दौरान उन्हें अपने समुदाय और पंडितों से काफी विरोध झेलना पड़ा, क्योंकि हिंदू परंपरा में अंतिम संस्कार का कार्य पुरुषों द्वारा किया जाता है। लेकिन पूजा ने इन रूढ़ियों को तोड़ते हुए न केवल हिंदू बल्कि अन्य धर्मों के मृतकों को भी सम्मानजनक विदाई दी।
सोशल मीडिया पर सक्रियता और फॉलोअर्स
पूजा अपने काम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर करती रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके करीब 3.5 लाख फॉलोअर्स हैं। वह अपने फॉलोअर्स को समाजसेवा और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करती हैं।
ब्राइट द सोल फाउंडेशन का योगदान
उनकी एनजीओ सामाजिक कल्याण के साथ-साथ पर्यावरण, वृद्धों की देखभाल, अनाथ बच्चों और उनकी शिक्षा पर भी काम करती है। जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में राशन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं मुहैया कराती है।
बीबीसी की घोषणा
बीबीसी ने घोषणा करते हुए कहा कि इस साल की सूची उन महिलाओं को समर्पित है, जिन्होंने अपनी दृढ़ता और साहस के साथ बदलाव की पहल की है। पूजा शर्मा के कार्य न केवल समाज के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि उन रूढ़ियों को भी चुनौती देते हैं, जो महिलाओं को सीमित करती हैं।
पूजा का नाम ऐसी महिलाओं के साथ शामिल है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। इनमें क्लाइमेट एक्टिविस्ट एडेनीके ओलाडोसु, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नादिया मुराद, और लेखिका क्रिस्टीना रिवेरा गर्जा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। पूजा शर्मा के कार्य न केवल दिल्ली बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात हैं। उनकी कहानी समाज को यह संदेश देती है कि बदलाव की शुरुआत करने के लिए साहस और प्रतिबद्धता ही सबसे बड़ा हथियार है।