कौन हैं गौतम अडानी के भतीजे सागर, रिश्वतखोरी केस में आया नाम; मिली है बड़ी जिम्मेदारी
- गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी का भी उन सात लोगों में नाम है जिनपर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं। सागर अडानी अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं।
भारत के दिग्गज कारोबारी अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से ‘झूठे और भ्रामक’ बयानों के आधार पर धन प्राप्त करने की अरबों डॉलर की योजना में उनकी कथित भूमिका के लिए अमेरिका की अदालत में आरोप लगाए गए हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफ़िस, ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ न्यूयॉर्क के अनुसार, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आपराधिक आरोप ब्रुकलिन की एक संघीय अदालत में लगाया गया है। जिन सात लोगों पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं उनमें गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी का भी नाम है।
अभियोग में आरोप लगाया गया है, लगभग 2020 और 2024 के बीच, प्रतिवादियों ने भारत सरकार के साथ आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की, जिससे लगभग 20 साल की अवधि में कर के बाद 2 अरब डॉलर से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान था।
कौन हैं सागर अडानी
सागर अडानी गौतम अडानी के भाई राजेश अडानी के बेटे हैं। अडानी ग्रुप की स्थापना के बाद से ही राजेश अडानी भी इसका हिस्सा हैं। सागर अडानी अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं। वहीं उनके पिता डायरेक्टर हैं। अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद वह कंपनी के साथ जुड़े थे। अडानी ग्रीन एनर्जी के सोलर और विंड एनर्जी पोर्टफोलियो के विस्तार का श्रेय सागर अडानी को दिया जाता है।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक वह संगठन के की रणनीति, वित्त और संरचनात्मक विकास की देखरेख करते हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो गौतम अडानी के उत्तराधिकारी के रूप में जिन चार नामों की चर्चा होती है उनमें सागर अडानी भी शामिल हैं। उनके अलावा गौतम अडानी के बेटे करन और जीत और चचेरे भाई प्रणव अडानी का नाम ब्लूमबर्ग ने इस सूची में शामिल किया था।
अडानी समूह पर आरोप लगने के बाद केन्या सरकार ने प्रस्तावित नैरोबी हवाई अड्डा विस्तार परियोजना और अडानी समूह से जुड़ी एक बिजली परियोजना को रद्द कर दिया है। गुरुवार को कई मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई। रिपोर्टों के अनुसार, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने संबंधित सरकारी विभागों को सौदे रद्द करने का आदेश दिया। रुटो ने अपने राष्ट्र के संबोधन में कहा कि यह निर्णय "हमारी जांच एजेंसियों और भागीदार देशों द्वारा प्रदान की गई नई जानकारी पर आधारित है।" (वार्ता से इनपुट्स के साथ)