जब 12 हजार फीट ऊंचे पहाड़ पर फंस गए CEC राजीव कुमार, बेंगलुरु का एक ट्रेकर बना देवदूत
- पिथौरागढ़ के एक सुदूर पोलिंग स्टेशन पर जाते वक्त सीईसी राजीव कुमार के हेलिकॉप्टर को इमर्जेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने पूरी रात एक निर्जन गांव में बिताई।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार के साथ कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें कंपकंपाती ठंड में 12000 फीट की ऊंचाई पर एक निर्जन पहाड़ पर रात गुजारनी पड़ी। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के एक सुदूर गांव में उनके हेलिकॉप्टर की इमर्जेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। वह दो पायलट्स के साथ मिलाम ग्लेशियर इलाके में एक पोलिंग स्टेशन का मुआयना करने जा रहे थे। तभी खराब मौसम की वजह से मुंसियारी से 42 किलोमीटर दूर रामलाम गांव के पास उनके हेलिकॉप्टर की इमर्जेंसी लैंडिंग करवानी पड़ गई।
हेलिकॉप्टर दोपहर के 1 बजे उड़ा था और आधे घंटे के बाद इसे उतरना पड़ गया। 12000 फीट की ऊंचाई पर एक छोटे से गांव में रात गुजारनी पड़ी। जिस झोपड़ी में वह रुके थे उसमें ना तो बिजली थी और ना की कोई अन्य सुविधा। ऊपर से हाड़ कपाने वाली ठंड पड़ रही थी। वहां मोबाइल के नेटवर्क्स भी उपलब्ध नहीं थे। हालांकि राजीव कुमार के पास एक सैटलाइट फोन था जिससे वह संपर्क कर सकते थे।
इसी गांव में बेंगलुरु का एक ट्रेकर अपने दो साथियों के पसाथ पहुंचा। उसने राजीव कुमार क नूडल्स खिलाए और फिर आग का इंतजाम किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिस गांव में राजीव कुमार रुके थे वह निर्जन था। वहां कोई नहीं रहता था। सभी लोग ठंड से पहले ही निचले इलाके में चले गए थे।
सुबह जब मौसम साफ हुआ तो हेलिकॉप्टर ने फिर उड़ान भरी। इसके बाद वह मुंसियारी पहुंचे। वहां से देहरादून वापस आए। जानकारी के मुताबिक उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई। बता दें कि सीईसी अकसर सुदूर इलाकों के पोलिंग स्टेशन्स का दौरा करते हैं ताकि वहां के लोगों की परेशानियों को समझा जा सके। पहले भी वह पैदल ही पहाड़ों के कई पोलिंग स्टेशन्स पर जा चुके हैं।