क्या है नेशनल हेराल्ड केस, जिसमें ED ने सोनिया-राहुल को बनाया नामजद; और किन-किनके नाम?
अगस्त 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था और इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। अब ईडी ने इस केस में चार्जशीट दायर किया है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी नामजद हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मंगलवार को चार्जशीट दाखिल किया है। इस चार्जशीट में ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश विशाल गोगने ने 9 अप्रैल को दाखिल इस आरोप-पत्र पर सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मौजूदा अभियोजन शिकायत को संज्ञान के पहलू पर विचार के लिए अगली बार 25 अप्रैल, 2025 को इस अदालत के समक्ष रखा जाएगा, जब ईडी और जांच अधिकारी के विशेष वकील अदालत के अवलोकन के लिए केस डायरी भी प्रस्तुत करेंगे।’’
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
साल 2012 में भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से और धोखाधड़ी कर नेशनल हेराल्ड अखबार के मालिकाना हक वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया है। अधिग्रहण का आरोप यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड पर लगा। स्वामी ने अपनी अर्जी में यह भी आरोप लगाया था कि इस अधिग्रहण के जरिए करीब 2000 करोड़ की कंपनी की संपत्ति को सिर्फ 50 लाख रुपये देकर हड़प लिया गया और दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया।
ईडी ने लिया स्वत: संज्ञान
अगस्त 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। ED ने इस मामले में तब सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया था। अब इनमें से मोती लाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज की मौत हो चुकी है।
ईडी ने की थी 16 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने बाद में इस मामले में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी और सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य से पूछताछ की थी। बाद में ED ने कहा कि जांच से पता चला है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों पर यंग इंडियन लिमिटेड का कब्जा है। इसके अलावा AJL ने इसमें 90.21 करोड़ रुपए की अवैध आय निवेश किया है। बाद में ईडी ने इस प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया था।
BJP नेता स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL से 90 करोड़ रुपए लोन की रिकवरी का अधिकार यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) को ट्रांसफर किया और यंग इंडियन लिमिटेड ने AJL की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेस पार्टी को महज 50 लाख रुपए का भुगतान करते हुए अधिग्रहित कर ली।
नेहरू ने की थी नेशनल हेराल्ड की स्थापना
बता दें कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर 1938 में की थी। आजादी के बाद ये अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया। इस अखबार की मालिकाना कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) है। इस अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं में होता था। अंग्रेजी में 'नेशनल हेराल्ड', हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज।' धीरे-धीरे यह अखबार घाटे में चला गया और कांग्रेस से मिले 90 करोड़ रुपए के कर्ज के बावजूद 2008 में बंद हो गया।
988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग
कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को AJL की 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसका मतलब ये हुआ कि पार्टी ने इसे 90 करोड़ का लोन दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी तय की गई। बाकी 24 फीसदी की हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। इसके बाद AJL ने 10-10 रुपये के 9 करोड़ शेयर यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिए और इसके बदले में कांग्रेस ने AJLका लोन माफ कर दिया। ईडी का आरोप है कि AJL की 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति धोखाधड़ी कर कब्जे में कर लिया गया है। ईडी का यह भी आरोप है कि इस प्रक्रिया में 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है।