क्या है दरबार मूव? 150 साल पुरानी प्रथा फिर लाना चाहते हैं फारूक अब्दुल्ला, केंद्र ने कर दी थी बंद
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) सत्ता में आती है, तो वह तत्काल दरबार मूव की प्रथा को बहाल करेगी।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने वादा किया कि अगर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) सत्ता में आती है, तो वह तत्काल दरबार मूव की प्रथा को बहाल करेगी। दरबार मूव वह प्रक्रिया थी, जिसमें सर्दियों के दौरान छह महीने के लिए राजधानी को जम्मू ट्रांसफर किया जाता था और गर्मियों के छह महीने के दौरान इसे श्रीनगर वापस लाया जाता था।
दरबार मूव बहाल करना चाहते हैं फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने उधमपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, "अगर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई, तो वे दरबार मूव को बहाल करेंगे। इस प्रथा को बंद करने से दोनों क्षेत्रों को बड़ा नुकसान हुआ है। जिन्होंने इस प्रथा की शुरुआत की थी वह महाराजा पागल नहीं थे। इससे कश्मीर और जम्मू के बीच एक संबंध था, जिसे भाजपा ने तोड़ दिया।" जब जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने दरबार मूव को कानून और संवैधानिक आधारहीन बताया था तब केंद्र के शासन ने 150 साल पुरानी इस दरबार मूव की प्रथा को 30 जून 2021 को समाप्त कर दिया और ई-गवर्नेंस को लागू कर दिया।
अब्दुल्ला ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "उन्होंने जम्मू के लिए कुछ नहीं किया। वहां के लोगों को नौकरियां नहीं मिलीं, और ठेके भी बाहर के लोगों को दिए जा रहे हैं। जम्मू के लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं, और यहां कोई नए उद्योग भी स्थापित नहीं की गई। भाजपा ने जम्मू को बर्बाद कर दिया है।" उन्होंने भाजपा के इस दावे को भी खारिज किया कि जम्मू-कश्मीर में उनकी सरकार बनेगी। अब्दुल्ला ने कहा, "वे हवा में महल बना रहे हैं। पहले उन्हें देखें कि कौन चुनाव में जीतता है।"
भाजपा पर खूब बरसे फारूक अब्दुल्ला
इसके साथ ही, फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आतंकवादियों को कंधार ले जाकर रिहा किया और तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद की रिहाई के बदले आतंकियों को छोड़ा। उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें चेताया था कि आतंकियों को छोड़ना हमें बर्बाद कर देगा और आज वे नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को दोष दे रहे हैं। अगर नेशनल कांफ्रेंस नहीं होती, तो आज जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा होता।" अब्दुल्ला ने एक देश एक चुनाव के विचार को संघीय ढांचे के लिए अव्यवहारिक बताया और कहा कि यह प्रणाली राज्यों में अस्थिरता ला सकती है।
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