सरदारों पर बने चुटकुले दिखाने वाली वेबसाइटें होगी बैन? 'महत्वपूर्ण मामला' की सुनवाई को तैयार SC
- याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने पीठ को सूचित किया कि वह अपने सुझावों के साथ-साथ मामले में अन्य पक्षों के सुझावों को समेकित करेंगी और एक संक्षिप्त संकलन दाखिल करेंगी।
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सिख समुदाय के सदस्यों पर चुटकुले (जोक्स) दिखाने और उनकी खराब छवि पेश करने से जुड़ीं वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करने वाली याचिका पर आठ सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण मामला है।’’ याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने पीठ को सूचित किया कि वह अपने सुझावों के साथ-साथ मामले में अन्य पक्षों के सुझावों को समेकित करेंगी और एक संक्षिप्त संकलन दाखिल करेंगी।
पीठ ने उन्हें आठ सप्ताह का समय दिया और मामले को इसके बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया। सुनवाई के दौरान, चौधरी ने सिख समुदाय की उन महिलाओं की शिकायतों का जिक्र किया जिनका उनके पहनावे के लिए मजाक उड़ाया गया। इसके अलावा उन्होंने स्कूलों में सिख बच्चों से संबंधित समस्याओं के बारे में भी बताया।
पीठ ने कहा, ‘‘आप एक छोटा सा संकलन तैयार करें ताकि इसे पढ़ना आसान हो जाए।’’ शीर्ष अदालत अक्टूबर 2015 में याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई थी जिसके बाद इसी तरह की शिकायतें उठाने वाली और याचिकाएं दायर की गईं। याचिकाकर्ता ने पूर्व में सिखों पर चुटकुले प्रदर्शित करने वाली और समुदाय के सदस्यों को खराब छवि में पेश करने वाली 5,000 से अधिक वेबसाइट होने का उल्लेख किया था।
याचिका में कहा गया कि सिखों पर चुटकुले प्रदर्शित करने वाली ऐसी वेबसाइट पर संविधान के तहत प्रदत्त जीवन और सम्मान के साथ जीने के मौलिक अधिकार के उल्लंघन के आरोप में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि सरदारों या सिखों पर चुटकुले फैलाने वाली ऐसी वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि ये संविधान में प्रदत्त जीवन और सम्मान के साथ जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती हैं।