वक्फ बोर्ड में करप्शन खत्म होगा, नए बिल का सूफी काउंसिल ने किया स्वागत; विपक्ष को नसीहत
- विधेयक का असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने विरोध किया है और इसे मुस्लिमों के मजहबी मामले में दखल बताया है। इस बीच अजमेर के मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल ने इसका स्वागत किया है।
केंद्र सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड ऐक्ट में संशोधन के लिए विधेयक लाने की चर्चाएं हैं। खबर है कि शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे लेकर चर्चा हुई थी। इस विधेयक का असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने विरोध किया है और इसे मुस्लिमों के मजहबी मामले में दखल बताया है। इस बीच अजमेर के मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल ने इसका स्वागत किया है। काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इससे वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार खत्म हो सकेगा। इसलिए हम संशोधन का स्वागत करते हैं, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कि किसी के हित इससे प्रभावित न हों।
नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हम तो समय-समय पर भारत सरकार से मांग करते रहे हैं कि वक्फ ऐक्ट में संशोधन किया जाए। कई बार सरकार को मेमोरेंडम भी दिया है। अब हमें मीडिया के जरिए पता चला है कि सरकार संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है। यह जरूरी है कि दरगाहों की स्थिति तय की जाए और उन्हें संरक्षण मिले। उन्होंने कहा कि हम तो सभी राजनीतिक दलों से अपील करेंगे कि वे इस मसले पर राजनीति न करें। मुस्लिमों के हितों का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि मैं इसका विरोध करने वालों से कहूंगा कि चर्चा में हिस्सा लें और बिल पास कराने में सरकार की मदद करें।
चिश्ती ने कहा कि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता होनी चाहिए और उसमें करप्शन की कोई जगह नहीं है। आज ऐसी स्थिति है कि हर राज्य में वक्फ बोर्ड्स में भ्रष्टाचार है। इसलिए हम सरकार की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत करते हैं। इस मसले पर हमने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को लिखा था। उनसे मुलाकात भी की थी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के हित में होगा। इस मसले पर मुस्लिम समुदाय को बहकाने की जरूरत नहीं है।
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