वंदे भारत की रफ्तार पर जनता मेहरबान, सुपरहिट हैं प्रीमियम ट्रेनें; कमाई से सरकार की तिजोरी मालामाल
- वंदे भारत और प्रीमियम ट्रेनों ने अपनी कमाई से रेलवे की तिजोरी भर दी है।दिलचस्प बात ये है कि जहां माल भाड़े से होने वाली कमाई की रफ्तार सुस्त पड़ी है, वहीं यात्रियों से मिलने वाली आमदनी तेजी से बढ़ रही है।
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भारतीय रेलवे की कमाई में जबरदस्त उछाल आया है और इसकी सबसे बड़ी वजह वंदे भारत और प्रीमियम ट्रेनों की बढ़ती लोकप्रियता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में रेलवे की पैसेंजर से होने वाली कमाई में 16% की बढ़ोतरी का अनुमान है, जिससे कुल राजस्व 92,800 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। दिलचस्प बात ये है कि जहां माल भाड़े से होने वाली कमाई की रफ्तार सुस्त पड़ी है, वहीं यात्रियों से मिलने वाली आमदनी तेजी से बढ़ रही है।
पैसेंजर ट्रेनों की कमाई का बढ़ता दबदबा
इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में रेलवे की कुल कमाई में पैसेंजर से होने वाला हिस्सा 26.4% था, जो 2024-25 में बढ़कर 28.6% तक पहुंच गया और 2025-26 में इसके 30.6% तक जाने की उम्मीद है। एसी-3 और प्रीमियम क्लास की बेतहाशा मांग ने रेलवे की झोली भर दी है।
एसी-3 और प्रीमियम क्लास से बंपर कमाई
आंकड़ों के मुताबिक, एसी-3 क्लास से रेलवे को मार्च 2025 तक 30,089 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले 20% ज्यादा है। अगले वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 37,115 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इसी तरह, एग्जीक्यूटिव क्लास से मिलने वाली कमाई में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। मार्च 2025 तक इससे 698 करोड़ रुपये की कमाई होगी, जो पिछले साल से 42% ज्यादा है और 2025-26 में यह 987 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
एसी चेयर कार भी रेलवे के लिए कमाई का सोना साबित हो रही है। 2024-25 में इससे 4,280 करोड़ रुपये की आमदनी होगी, जो पिछले साल से 28.6% ज्यादा है। अगले साल इसमें और 31% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे कुल कमाई 5,626 करोड़ रुपये हो जाएगी।
सामान्य कोचों पर भी सरकार की नजर
भारतीय रेलवे सिर्फ अमीर यात्रियों पर नहीं, बल्कि आम लोगों की जरूरतों पर भी ध्यान दे रहा है। सरकार ने 17,500 गैर-एसी जनरल और स्लीपर कोच बनाने का ऐलान किया है, जिससे निम्न और मध्यम वर्गीय यात्रियों को राहत मिलेगी। रेलवे ने 2:3 के अनुपात में नॉन-एसी कोच और 1:3 के अनुपात में एसी कोच बनाने की योजना बनाई है। रेलवे और अमृत भारत ट्रेनें भी ला रहा है, जो पूरी तरह गैर-एसी है और बेहतर सुविधाओं से लैस होंगी। चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ऐसी 100 ट्रेनों का उत्पादन किया जा रहा है। ये ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी और इनका सफर ज्यादा सुगम और आरामदायक होगा।