Vande Bharat Express Sleeper: वंदे भारत एक्सप्रेस का फैन हुआ विदेशी पत्रकार, कहा- यूरोप की नहीं है ये ट्रेन
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 1 सितंबर को ही BEML के बेंगलुरु रेल कॉम्पलैक्स में पहली स्लीपर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेन में USB चार्जिंग, इंटीग्रेटेड रीडिंग लाइट, पब्लिक अनाउंसमेंट, सिक्युरिटी कैमरा, मॉड्युलर पैंट्री, दिव्यांगों के लिए खास बर्थ और टॉयलेट जैसी सुविधाएं हैं।
सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रशंसक विदेश में भी हैं। हाल ही में UAE यानी संयुक्त अरब अमीरात के एक पत्रकार ने वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन का वीडियो साझा किया है। उन्होंने इसकी तुलना विदेश की आधुनिक ट्रेनों से की है। देश को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 15 परवरी 2019 को मिली थी। तब ट्रेन नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी रूट पर दौड़ी थी। अब इनकी संख्या 100 के पार हो चुकी है।
UAE के पत्रकार हसन सजवानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन का है। उन्होंने लिखा, 'नहीं यह यूरो रेल नहीं है...। यह भारत की वंदे भारत स्लीपर ट्रेन है।'
पहली वंदे भारत स्लीपर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 1 सितंबर को ही BEML के बेंगलुरु रेल कॉम्पलैक्स में पहली स्लीपर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेन में USB चार्जिंग, इंटीग्रेटेड रीडिंग लाइट, पब्लिक अनाउंसमेंट, सिक्युरिटी कैमरा, मॉड्युलर पैंट्री, दिव्यांगों के लिए खास बर्थ और टॉयलेट जैसी सुविधाएं हैं। खास बात है कि इससे पहले लॉन्च हुईं वंदे भारत में सिर्फ बैठकर ही यात्रा कर सकते थे।
यहां चलेगी नई वंदे भारत
रेल मंत्रालय ने कोसी क्षेत्र के यात्रियों को एक बड़ी सौगात देते हुए बिहार में पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर मंडल के सहरसा से सियालदह के बीच नई वंदे भारत ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अन्नया स्मृति ने मंगलवार को यहां बताया कि वंदे भारत ट्रेन को चलाने के पहले रेलवे बोर्ड एवं रेल मुख्यालय से ट्रेन मैनेजर और क्रू की ट्रेनिंग कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया कि पटना से चल रही वंदे भारत ट्रेन के क्रू और ट्रेन मैनेजर के साथ समस्तीपुर मंडल के कर्मियों को प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा गया है। अन्नया स्मृति ने बताया कि समस्तीपुर मंडल के क्रू और मैनेजर नई वंदे भारत ट्रेन को मंडल के सहरसा से झाझा स्टेशन तक लेकर जाएंगे, जबकि झाझा से इस ट्रेन को दानापुर मंडल के कर्मचारी लेकर आगे जाएंगे।