487 भारतीयों को निकालना चाहता है अमेरिका, भेजी 295 लोगों की लिस्ट; जल्द होंगे डिपोर्ट
- भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की है और इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था।

अमेरिका ने भारत को 295 लोगों की एक लिस्ट भेजी है, जिनकी नागरिकता की पुष्टि होने के बाद उन्हें भारत वापस भेजा जाएगा। ये लोग उन 487 व्यक्तियों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिका से निकाला जाना है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होने एक बयान देते हुए कहा कि अमेरिका से भेजे जाने के लिए 487 भारतीय नागरिकों को चिह्नित कर लिया गया है और 295 लोगों का विवरण भारत के साथ शेयर किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।
विदेश सचिव ने कहा, "यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसे विदेश मंत्री ने कल संसद में भी स्पष्ट किया था। भारत को एक असहयोगी देश कहना उचित नहीं होगा। कोई भी देश यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि जिन्हें वापस भेजा जा रहा है वे व्यक्ति उसके ही नागरिक हैं या नहीं। इससे जुड़े कानूनी और सुरक्षा से संबंधित मुद्दे भी होते हैं।"
उन्होंने बताया कि अमेरिका ने 487 संभावित भारतीय नागरिकों के निर्वासन की जानकारी दी थी। भारत सरकार ने इस संबंध में अधिक जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में अमेरिका ने 298 व्यक्तियों की विस्तृत जानकारी शेयर की। उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरत रहा है और अमेरिकी अधिकारियों के साथ संवाद कर रहा है।
सैन्य विमान से निर्वासन पर प्रतिक्रिया
भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की है और इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री की यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान में 40 घंटे की उड़ान के दौरान हथकड़ी लगाकर वापस भेजे जाने पर मचे बवाल के बीच आई है। मिस्री ने प्रवासियों को भेजे जाने से संबंधित प्रश्नों पर कहा, ‘‘हमने अपनी चिंताओं से अमेरिका को अवगत कराया है कि इस प्रकार के व्यवहार से बचा जा सकता है।’’
विदेश सचिव ने कहा कि हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की अमेरिकी नीति 2012 से ही लागू है। विदेश सचिव से जब पूछा गया कि क्या भारत ने 2012 में हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने पर अपना विरोध दर्ज कराया था, तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई विरोध जताया गया था। हमारे पास आपत्ति के संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है।’’ मिस्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा बृहस्पतिवार को संसद में दिए गए बयान का हवाला दिया।