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26 नवंबर से पहले अंडरट्रायल कैदियों को मिलेगा न्याय, अमित शाह का बड़ा ऐलान

  • इस साल के शुरू में पारित तीन नए आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी करते हुए अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इन कानूनों को लागू करने से पहले व्यापक तैयारियां की थीं।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 20 Nov 2024 06:40 AM
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि जेल में बंद सभी अंडरट्रायल कैदियों, जिन्होंने अपने आरोपों के लिए निर्धारित अधिकतम सजा का एक-तिहाई हिस्सा पूरा कर लिया है, उन्हें संविधान दिवस से पहले न्याय प्राप्त हो जाए। आपको बता दें कि 26 नवंबर को संविधान को अपनाया गया था। इसलिए इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अमित शाह ने कहा, "हमने अदालत, अभियोजन और पुलिस के लिए 60 प्रावधान किए हैं, ताकि वे अपने कार्य को एक निर्धारित समय सीमा में पूरा कर सकें। हमने जेलों के लिए भी प्रावधान किए हैं। अगर किसी मुकदमे की सुनवाई किसी निर्धारित अवधि के बाद नहीं हो रही है, तो गैर-गंभीर अपराधों को छोड़कर जेल अधिकारी को कोर्ट में जमानत प्रक्रिया पेश करनी होगी।"

साइबर क्राइम जैसी चुनौतियां

गृह मंत्री ने कहा कि भारत और पूरी दुनिया को साइबर क्राइम, घुसपैठ, ड्रोन का अवैध इस्तेमाल, मादक पदार्थों की तस्करी और डार्क वेब के दुरुपयोग जैसी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत को इन समस्याओं के समाधान में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन पांच क्षेत्रों में अपराधियों से एक कदम आगे रहना होगा। शाह ने कहा, "यह पांच क्षेत्र न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौती होंगे।"

अमित शाह ने पुलिस विज्ञान के 50वें अखिल भारतीय सम्मेलन (AIPSC) के दौरान ये बातें कही हैं। इस सम्मेलन का आयोजन पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) द्वारा किया गया था। गृह मंत्री ने कहा कि AIPSC को सिस्टम में बदलाव लाने के लिए डेटा का विश्लेषण करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि अपराध को कम किया जा सके।

इस साल के शुरू में पारित तीन नए आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी करते हुए अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इन कानूनों को लागू करने से पहले व्यापक तैयारियां की थीं। उन्होंने कहा, "इन कानूनों के लागू होने के बाद एफआईआर रजिस्टर होने की तारीख से तीन वर्षों के भीतर सर्वोच्च न्यायालय स्तर तक पहुंचाया जाएगा।"

उन्होंने बताया कि देशभर के 70,000 पुलिस थानों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) से जोड़ा गया है। 22,000 अदालतों को ई-कोर्ट्स के माध्यम से जोड़ा गया है।

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