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हल्दी और निंबू पानी से ठीक नहीं होता है कैंसर; सिद्धू के दावों पर डॉक्टरों ने उठाए सवाल

  • डॉक्टरों ने आम जनता से अपील की कि वे कैंसर के किसी भी लक्षण के बारे में तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें। जल्द पहचान कैंसर के इलाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 24 Nov 2024 10:10 AM
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पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी पत्नी नवजोत कौर ने लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर कैंसर जैसी असाध्य बीमारी को परास्त कर दिया। आपको बता दें कि उनका कैंसर स्टेज-4 में चला गया था। अब डॉक्टरों ने उन्हें फिट घोषित कर दिया है। सिद्धू के इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर मेडिकल जगत में खूब सुर्खियां बटोरी।

सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी ने एक सख्त और अनुशासित जीवनशैली अपनाई, जिसमें नींबू पानी, कच्ची हल्दी, सेब साइडर विनेगर, नीम के पत्ते और तुलसी जैसी चीजें शामिल थीं। इसके अलावा, उनके आहार में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर खाद्य पदार्थ शामिल थे। वह कद्दू, अनार, आंवला, चुकंदर और अखरोट से बने जूस का सेवन करती थीं। खाना बनाने के लिए नारियल तेल, कोल्ड प्रेस्ड तेल या बादाम तेल का इस्तेमाल किया जाता था। उनकी सुबह की चाय में दारचीनी, लौंग, गुड़ और इलायची डाली जाती थी।

सिद्धू ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी का कैंसर दवा से ठीक नहीं हुआ बल्कि यह उनकी अनुशासन की वजह से हुआ। सिद्धू ने यह भी बताया कि कैंसर का इलाज सरकारी अस्पतालों में भी प्रभावी तरीके से हो सकता है। इसका इलाज पैसों से नहीं बल्कि अनुशासन से हुआ।

सिद्धू के इस बयान ने डॉक्टरों की समुदाय में चिंता पैदा कर दी है। टाटा मेमोरियल अस्पताल के 262 डॉक्टरों ने एक बयान जारी कर कहा कि वर्तमान में इन प्राकृतिक उपायों या जीवनशैली बदलावों को कैंसर के इलाज के रूप में साबित करने के लिए कोई क्लिनिकल डेटा मौजूद नहीं है।

टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि हल्दी और नीम जैसे कुछ प्राकृतिक उत्पादों पर शोध हो रहा है, लेकिन इनको एंटी-कैंसर एजेंट के रूप में उपयोग करने का कोई मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की कि वे अप्रमाणित उपचारों पर भरोसा न करें और कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉक्टरों ने खासकर दूध और चीनी को छोड़ने से कैंसर को भूखा करना और हल्दी और नीम का सेवन करने के दावों पर सवाल उठाया। डॉक्टरों ने कहा कि इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इन उत्पादों के कुछ स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इन्हें पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का स्थान नहीं दिया जाना चाहिए।

समय पर इलाज जरूरी

डॉक्टरों ने आम जनता से अपील की कि वे कैंसर के किसी भी लक्षण के बारे में तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें। जल्द पहचान कैंसर के इलाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी जैसे प्रमाणित उपचार ही कैंसर को ठीक करने के सबसे प्रभावी तरीके हैं।

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