Hindi Newsदेश न्यूज़TMC is not happy with Nishikant Dubey demands to change permanent committee of Mahua

TMC को रास नहीं आ रहे निशिकांत दुबे, महुआ मोइत्रा की स्थायी समिति बदलने की मांग

  • निशकांत दुबे और महुआ मोइत्रा को प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। 2023 में दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगाए थे। इसके बाद उन्हें 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 3 Oct 2024 05:49 AM
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे और तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा के रिश्ते काफी तल्खी भरे रहे हैं। इस बीच लोकसभा स्पीकर ने निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति में महुआ का नाम शामिल कर दिया है। टीएमसी को यह बात पसंद नहीं आई। ममता बनर्जी की पार्टी ने ओम बिरला के कार्यालय को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उसने इस समिति से अपने सांसद का नाम हटाकर दूसरी समिति में शामिल करने का अनुरोध किया है।

राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन भी आईटी पैनल से श्रम समिति जा चुकी हैं। तृणमूल के साकेत गोखले विपक्ष की रणनीति के तहत आईटी समिति में शामिल हो गए हैं।

निशकांत दुबे और महुआ मोइत्रा को प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। 2023 में दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगाए थे। इसके बाद उन्हें 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।

तृणमूल के लोकसभा में नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, "मैंने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि महुआ मोइत्रा को विदेश मामलों की समिति में भेजा जाए क्योंकि उस समिति में एक पद रिक्त है। मैंने पिछले सप्ताह अध्यक्ष को पत्र लिखा था।"

नाम न बताने की शर्त पर एक भाजपा नेता ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा को हटाने का फैसला निशिकांत दुबे की जीत है क्योंकि टीएमसी पैनल में अपने सदस्य को बदलने के लिए मजबूर है।

आपको बता दें कि स्पीकर ने अभी तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया है। राज्यसभा की एक अधिसूचना में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन को श्रम समिति में स्थानांतरित कर दिया गया है और साकेत गोखले को श्रम समिति से आईटी पैनल में शामिल किया गया है।

वहीं, टीएमसी के एक राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि ये कदम एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "साकेत संचार और प्रौद्योगिकी के सबसे सक्षम लोगों में से एक हैं। निशिकांत दुबे को अध्यक्ष बनाने से इसमें बदलाव की प्रेरणा मिली। हमने देखा कि निशिकांत दुबे को अध्यक्ष बनाया गया है, तो हमें ये बदलाव करने पड़े।"

आपको बता दें कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जेडीयू के संजय कुमार झा और भाजपा के धैर्यशील मोहन पाटिल को अलग-अलग मामलों पर बनी स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया है।

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