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तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी का दावा; किसने सप्लाई किया घी और नंदिनी कैसे बना विकल्प, कौन क्या बोला

  • टीटीडी तिरुपति में लोकप्रिय श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है। इस मंदिर में सालभर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। नायडू ने कहा, 'हमने घी आपूर्तिकर्ता बदल दिया। हम कर्नाटक से नंदिनी ब्रांड घी खरीदने लगे हैं।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 21 Sep 2024 08:05 AM
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तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद में दिए जाने वाले लड्डुओं में पशु चर्बी की मिलावट के दावे पर बवाल मचा हुआ है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उसकी अगुवाई वाली पिछली सरकार ने प्रसाद के वास्ते सस्ती मिलावटी घी खरीदकर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता भंग की। नायडू ने यह भी संकेत दिया कि वह इस मामले पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने सवाल किया कि जब अक्षम्य अपराध किए गए हैं तो क्या वह ऐसे लोगों को बख्श दें। नायडू ने कहा, 'लोग कह रहे हैं कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान लड्डू (तिरुपति में भगवान बालाजी को चढ़ाया जाने वाला पवित्र प्रसाद) में इस्तेमाल घी में मिलावट के कारण उनकी भावनाएं आहत हुई हैं।'

टीटीडी तिरुपति में लोकप्रिय श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है। इस मंदिर में सालभर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। नायडू ने कहा, 'हमने घी आपूर्तिकर्ता बदल दिया। हम कर्नाटक से नंदिनी ब्रांड घी खरीदने लगे हैं।' शुक्रवार को टीटीडी ने प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि घी में पशु चर्बी और लार्ड (सूअर की चर्बी) की मौजूदगी का पता चला है। TTD के कार्यपालक अधिकारी श्यामल राव ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों में चुने गए नमूनों में पशुचर्बी और लार्ड की मौजूदगी का खुलासा हुआ है। अब बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट में डालने की कार्यवाही में जुटा है।

मंदिर प्रशासन का क्या कहना है?

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने कहा कि मंदिर निकाय को घी आपूर्ति करने वालों ने आंतरिक मिलावट जांच सुविधा की कमी का फायदा उठाया और बाहरी सुविधाओं का भी उपयोग नहीं किया। इस बीच, चेन्नई में तिरुपति बालाजी मंदिर को घी की आपूर्ति करने वाली कंपनी ‘आर डेरी’ ने कहा कि उनके उत्पाद के नमूनों को अधिकारियों ने गुणवत्ता प्रमाणित करते हुए मंजूरी दी। डिंडीगुल स्थित कंपनी के प्रवक्ताओं ने बताया कि केवल जून और जुलाई माह के दौरान ही उन्होंने तिरुमाला भगवान वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर को घी की आपूर्ति की थी। यहां तक ​​कि जब तिरुपति मंदिर को घी की आपूर्ति की गई थी, तो उसे विधिवत मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला रिपोर्ट के साथ भेजा गया था।

जगन का नायडू पर राजनीति करने का आरोप 

लड्डू विवाद पर राजनीति गरमाई हुई है। युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमला में घी में मिलावट के आरोपों को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह अपने 100 दिन के शासन से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। जगन ने कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान भटकाने की राजनीति है। एक तरफ लोग चंद्रबाबू नायडू के 100 दिन के शासन को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि उनके सुपर सिक्स (चुनावी वादों) का क्या हुआ। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह मनगढ़ंत कहानी रची जा रही है।’ उन्होंने कहा कि घी में मिलावट के आरोप अति गंभीर हैं। उन्होंने पूछा कि दुनिया भर में करोड़ों भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना क्या उचित है।

राहुल गांधी का मामले पर बयान

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में प्रशासन को धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के अपवित्र होने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों श्रद्धालुओं के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर श्रद्धालु को आहत करेगा और इस पर गहराई से विचार करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि पूरे भारत में प्रशासन को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी।

जेपी नड्डा ने पूरे विवाद पर क्या कहा 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की है और तिरुपति लड्डू मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है। नड्डा ने कहा कि इस मामले की भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की होगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे के बारे में पता चला। मैंने आज चंद्रबाबू नायडू से बात की और मैंने उनसे उपलब्ध रिपोर्ट साझा करने को कहा ताकि मैं उसकी पड़ताल कर सकूं। मैं राज्य नियामकों से भी बात करूंगा और उनकी राय लूंगा। रिपोर्ट की जांच की जाएगी और एफएसएसएआई के कानूनी ढांचे एवं नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। एफएसएसएआई इसकी जांच करेगा, रिपोर्ट देगा और फिर हम कार्रवाई करेंगे।'

विश्व हिंदू परिषद ने जताया कड़ा ऐतराज 

विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशुओं की चर्बी का कथित इस्तेमाल असहनीय है। यह मांग की कि आंध्र प्रदेश सरकार मंदिर का नियंत्रण व प्रबंधन हिंदू समाज को सौंप दे। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने देश भर में सभी मंदिरों और हिंदुओं के अन्य देवालयों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की भी मांग की। उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद को अपवित्र करने में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, ‘तिरुपति की घटना विश्व हिंदू परिषद की इस विश्वास को और मजबूत बनाती है कि मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण की वजह से राजनीति का प्रवेश होता है। वहां गैर-हिंदू अधिकारियों की नियुक्ति होने से प्रसाद में जानबूझकर ऐसी अपिवत्रता की जाती है।’ 
(एजेंसी इनुपट के साथ)

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