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तिरुपति लड्डू विवादः हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़, जगनमोहन के खिलाफ कोर्ट जाएगी बीजेपी

  • बीजेपी नेता और टीटीडी बोर्ड के पूर्व सदस्य भानुप्रकाश रेड्डी ने कहा है कि वह लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट को लेकर कोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूर्व सीएम जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाएंगे।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 Sep 2024 01:57 AM
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तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी होने के दावे और रिपोर्ट सामने आने के बाद बवाल बढ़ता ही जा रहा है। बीजेपी नेता और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के पूर्व सदस्य भानुप्रकाश रेड्डी ने कहा है कि वह जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 तक जगनमोहन रेड्डी की सरकार में प्रसाद के लड्डू बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल होता था वह गाय का शुद्ध घी नहीं था बल्कि मिलावटी थी। उन्होंने कहा कि बालाजी के दर्शन के बाद श्रद्धालु लड्डू प्रसाद लेते हैं। उन्होंने कहा कि जगनमोहन रेड्डी की सरकार के दौरान रोज लट्टू बनाने के लिए 14 टन घी का इस्तेमाल होता था। दुर्भाग्य से यह मिलाटवी था। रिपोर्ट में पता चला है कि इसमें जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी।

बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को बड़ा दावा किया था जिसपर सियासत गर्म हो गई है। उन्होंने कहा था कि तिरुपति के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाकर घृणित राजनीति की गई है। उन्होंने कहा कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। वहीं टीडीबी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण ने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है। उन्होंने कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में 'पशु की चर्बी', 'लार्ड' (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। नमूने लेने की तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।

भानुप्रकाश रेड्डी ने कहा, तिरुमाला के इतिहास में इस तरह की घटना कभी सामने नहीं आई। हमें इस मामले को लेकर बेहद दुख है। जगनमोहन रेड्डी की सरकार हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रही थी। खासकर बालाजी के श्रद्धालुओं को। हम जगनमोहन रेड्डी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम चेयरमैन भुमना कारुणाकर रेड्डी, वाईवी सुब्बा रेड्डी और उस वक्त के कार्यकारी अधइकारी धर्मा रेड्डी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर रहे हैं। मौजूदा सरकार बनने के बाद लड्डू बनाने में शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा,मुझे आशा है कि न्याय होगा और भगवान गोविंद इस गलती के लिए सबको माफ करेंगे।

केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि लड्डू बनाने में पशु चर्बी का कथित उपयोग भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखने वाले हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ गहरा विश्वासघात है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने मांग की कि आंध्र प्रदेश सरकार मामले की तत्काल जांच कराए, ताकि सच्चाई सामने आए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक तिरुपति बालाजी के लड्डू में इस्तेमाल होने वाली घी से गोमांस की चर्बी, लार्ड, मछली का तेल और पाम ऑइल को अलग किया गया है। गुजरात की NDDB CALF (Centre for analysis and learning in Livestock and Food) प्राइवेट लैब जानवरों के चारे, दूध और दूध के उत्पादों की जांच करती है। इसी लैब की रिपोर्ट में लड्डू के घी में चर्बी और लार्ड होने का दावा किया गया है। दरअसल जुगाली करने वाले जानवरों के अँगों के चारों तकफ मौजूद फैटी टिशू को निकाला जाता है। इसके बाद गोमांस की चर्बी को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है। इसके बाद इसका इस्तेमाल साबुन और मोमबत्ती जैसे उत्पाद बनाने में होता है। बहुत सारी चीजों में अब लार्ड की जगह वनस्पति तेल का इस्तेमाल होने लगा है।

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