Hindi Newsदेश न्यूज़Telangana congress government turns down Adani Group Rs 100 crore funding amid bribery row in america

कांग्रेस की तेलंगाना सरकार ने अडानी ग्रुप के 100 करोड़ लौटाए, यूनिवर्सिटी के लिए था फंड

  • तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अडानी समूह के 100 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं। कांग्रेस ने अमेरिका में अडानी समूह पर लगे घूस के आरोपों के बाद यह फैसला लिया है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानMon, 25 Nov 2024 04:31 PM
share Share
Follow Us on

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अमेरिका में अडानी समूह पर लगे घूस के आरोपों के बाद कंपनी को 100 करोड़ रुपये का फंड लौटा दिया है। यह फंड युवाओं में कौशल क्षमताएं विकसित करने के उद्देश्य से लिया गया था जिसके लिए अब कांग्रेस की सरकार ने मना कर दिया है। इंडिया टुडे ने बताया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी समूह से किसी भी तरह की धनराशि स्वीकार करने से मना किया है। इससे पहले अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी और सात अन्य पर सौर ऊर्जा से जुड़े अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। वहीं अडानी समूह ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इससे इनकार किया है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा है कि राज्य सरकार ने अडानी समूह सहित किसी भी संगठन से यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी के लिए कोई पैसा नहीं लिया है। रेड्डी ने कहा, "तेलंगाना सरकार ने अडानी समूह से यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी के लिए कोई धनराशि या दान नहीं लिया है। कल सरकार ने अडानी समूह को लिखा कि वे कौशल विश्वविद्यालय के लिए उनके द्वारा दिए गए 100 करोड़ रुपये स्वीकार नहीं करेंगे।" मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य सरकार या केंद्र सरकार को टेंडर्स आमंत्रित करनी चाहिए। लोकतांत्रिक तरीके से सही प्रक्रिया के साथ टेंडर्स आवंटित की जाएंगी, चाहे वह अडानी हो, अंबानी हो या टाटा।" मुख्यमंत्री ने कहा कि कई कंपनियों ने यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी को पैसा दिया है। उन्होंने कहा, "यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी को कई कंपनियों ने फंड दिया है। इसी तरह अडानी ग्रुप ने भी हमें 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। मैं राज्य सरकार के इस फैसले को दोहराना चाहूंगा कि वह अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये नहीं लेगी।"

तेलंगाना को अडानी समूह से मिले दान पर हुआ था विवाद

गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को गौतम अडानी ने यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को 100 करोड़ रुपये का चेक सौंपा था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने X पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी थी। इस खबर के सामने आने के बाद राज्य की विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस की तीखी आलोचना की थी। भाजपा और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने कांग्रेस पर अडानी मामले में ढोंग करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, "राहुल गांधी के पूरे दिन 'अडानी अडानी' चिल्लाने के बावजूद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी आगे बढ़ कर गौतम अडानी से 'दान' स्वीकार करते हैं।"

पीएम मोदी देश की छवि कर रहे खराब- खरगे

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि विपक्ष पर ‘हुड़दंग’ मचाने का आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्योगपति गौतम अडानी समूह का साथ देकर देश की छवि खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अडानी समूह से जुड़ी ‘वित्तीय अनियमितताओं’ का मामला गंभीर है और विपक्ष देश को बचाने के लिए यह मुद्दा उठाना चाहता है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘आज हमने संसद में अडानी का मुद्दा उठाया था। अडानी समूह पर भ्रष्टाचार, रिश्वत और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं जिसे हम सदन के समक्ष रखना चाहते थे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर चर्चा नहीं कराई और कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

'जहां-जहां जाते हैं, वहां-वहां अडानी समूह को ठेके मिलते हैं'

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी जहां-जहां जाते हैं, वहां-वहां अडानी समूह को ठेके मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम चाहते हैं कि इस मामले पर सदन में चर्चा हो। जिस चीज से देश का नुकसान हो रहा है, जिसके चलते दुनिया का भरोसा हम से उठ सकता हो उस वक्त ये चीजें सदन में लाना जरूरी है। देश को बचाने के लिए हमने ये मुद्दा उठाया था।’’ खरगे ने दावा किया, ‘‘मोदी जी आज "हुड़दंग" मचाने की बात कह रहे थे...लेकिन मोदी जी खुद ही जब जून 2015 में बांग्लादेश गए थे वहां पर अडानी समूह को बिजली परियोजना का ठेका मिला। मलेशिया, इजराइल, सिंगापुर, श्रीलंका, नेपाल, तंजानिया, वियतनाम, यूनान, आदि में जहां-जहां मोदी जी गए अडानी समूह को ठेके मिले। केन्या ने तो जनता के दबाव में ठेका रद्द किया।’’

अगला लेखऐप पर पढ़ें