अब ट्रैफिक संभालते नजर आएंगे ट्रांसजेंडर्स, स्पेशल यूनिफॉर्म और मिलेगी अच्छी सैलरी; इस राज्य का फैसला
- मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों से निर्देश दिया कि पहले चरण में हाई-ट्रैफिक जोन्स में ट्रांसजेंडरों को तैनात किया जाए। सिग्नल जंपिंग वाली जगहों पर होम गार्ड की तर्ज पर ट्रांसजेंडरों की सेवाएं ली जा सकती हैं।
हैदराबाद में ट्रैफिक वालंटियर्स के तौर पर ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति होने वाली है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को यह निर्देश जारी किया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, होम गार्ड के समान ही ट्रांसजेंडरों के लिए स्पेशल ड्रेस कोड होगा और उन्हें निश्चित वेतन दिया जाएगा। फिलहाल, यह भर्ती प्रयोग के तौर पर जा रही है। माना जा रहा है कि इससे शहर में यातायात उल्लंघन के बढ़ते मामलों को कम करने में मदद मिलेगी। ड्रंक ड्राइविंग चेकप्वॉइंट्स और दूसरे हाई-ट्रैफिक इलाकों में इनकी तैनाती की जाएगी, जो काफी कारगर साबित हो सकती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को हैदराबाद शहर में बढ़ती यातायात समस्याओं पर चिंता जताई। इसके समाधान के लिए उन्होंने यातायात स्वयंसेवकों के रूप में ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति करने का आदेश दिया।' मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों से निर्देश दिया कि पहले चरण में हाई-ट्रैफिक जोन्स में ट्रांसजेंडरों को तैनात किया जाए। सिग्नल जंपिंग वाली जगहों पर होम गार्ड की तर्ज पर ट्रांसजेंडरों की सेवाएं ली जा सकती हैं। सीएम रेड्डी ने अधिकारियों से कहा कि ड्रंक एंड ड्राइव चेकिंग प्वाइंट्स पर ट्रांसजेंडरों की तैनाती कीजिए।
प्रयोग के तौर पर लागू करने का निर्देश
विज्ञप्ति में कहा गया, 'मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे प्रयोगात्मक तौर पर लागू करने का निर्देश दिया है।' दूसरी ओर, सीएम रेवंत रेड्डी ने राज्य विधानसभाओं में युवाओं के अधिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 से घटाकर 21 वर्ष करने की वकालत की। रेड्डी ने बताया कि 21 वर्षीय आईएएस और आईपीएस अधिकारी जिलों में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं और उनका मानना है कि इसी उम्र के युवा विधायक भी बन सकते है। बाल दिवस के अवसर पर आयोजित मॉक असेंबली में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'मतदान की न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है, जबकि विधानसभा चुनाव लड़ने की आयु 25 वर्ष है। अगर कानून में संशोधन कर 21 वर्ष की आयु पूरी करने वालों को भी चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी जाए तो युवा पीढ़ी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर सकेगी।'