'ममता बनर्जी से नहीं संभल रहा बंगाल', शुभेंदु अधिकारी ने कर दी सेंट्रल फोर्स उतारने की मांग
- पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को वक्फ के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया। कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि राज्य में आर्टिकल 355 की जरूरत है।

पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य में सेना उतारने की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्य में आर्टिकल 355 लगा देना चाहिए और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना और सुरक्षाबलों को उतार देना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि राज्य में ममता बनर्जी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल साबित हो रही है। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान वाहनों में आग लगा दी और सड़क एवं रेल यातायात को बाधित कर दिया। भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
विपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा कि राज्य में लोगों की निजी संपत्तियां तोड़ी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रशासन को केंद्र से मदद मांगनी चाहिए। वहीं मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हुगली, मालदा और बीरभूम जिलों में आर्टिकल 355 लगा देना चाहिए।
मुर्शिदाबाद जिले के सुती में प्रदर्शन हिंसक हो गया, जब निषेधाज्ञा के बावजूद प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और सड़कों को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया, जुलूस के दौरान पुलिस वैन और सार्वजनिक बसों को आग लगा दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, समस्या तब शुरू हुई जब जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्र हुए और वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने शमशेरगंज में डाकबंगला मोड़ से सुतिर सजुर मोड़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के एक हिस्से को जाम कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन तब हिंसक हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन पर पथराव किया। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें लगभग 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए।’ अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर बम जैसे पदार्थ फेंके जिसके बाद पुलिस ने अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया और बाद में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हिंसा के बीच कुछ पुलिसकर्मियों को पास की एक मस्जिद में शरण लेनी पड़ी। वहीं, जिला प्रशासन ने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
अधिकारियों के अनुसार मालदा में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर धरना दिया जिससे ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई। उन्होंने बताया कि पूर्वी रेलवे के फरक्का-आज़िमगंज खंड पर भी ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। इस बीच, राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य सरकार को संवेदनशील क्षेत्रों में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करने को कहा है।