Hindi Newsदेश न्यूज़Witness identifies Yasin Malik as attacker who killed four Air Force personnel in 1990 - India Hindi News

'यासीन मलिक ने हथियार निकाला और वायुसेना के जवानों पर करने लगा फायरिंग', CBI कोर्ट में बोला गवाह

वायुसेना के पूर्व कर्मी राजवार उमेश्वर सिंह आतंकी हमले में बच गए थे। उन्होंने अदालत कक्ष में मलिक को मुख्य हमलावर बताया। मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो के जरिए अदालती कार्यवाही में शामिल हुआ।

Niteesh Kumar एजेंसी, नई दिल्लीFri, 19 Jan 2024 06:50 AM
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जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने अपना 'फेरन' उठाकर हथियार निकाला और भारतीय वायुसेना कर्मियों के समूह पर गोलियां चला दीं। मौके पर मौजूद शख्स ने गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत के समक्ष यह गवाही दी। उसने विस्तार से बताया कि 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में क्या हुआ था। हमले में वायुसेना के 4 कर्मियों की मौत हो गई थी। वायुसेना के पूर्व कर्मी राजवार उमेश्वर सिंह आतंकी हमले में बच गए थे। उन्होंने अदालत कक्ष में मलिक को मुख्य हमलावर बताया। मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो के जरिए अदालती कार्यवाही में शामिल हुआ, जहां वह 2019 से कैद है।

श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपुरा में 25 जनवरी, 1990 को हमले में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 40 लोग घायल हो गए थे। भारतीय वायुसेना के कर्मचारी ड्यूटी के लिए पुराने श्रीनगर हवाई क्षेत्र में अपने वाहन का इंतजार कर रहे थे, तभी वे आतंकवादियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए। मलिक और 5 अन्य के खिलाफ 31 अगस्त, 1990 को जम्मू में टाडा अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया था। मलिक के अलावा, वायुसेना कर्मियों की हत्या में शामिल अन्य आरोपियों में जेकेएलएफ से जुड़े अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ नलका, शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी शामिल हैं।

मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण का भी मामला 
सीबीआई की सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर मोनिका कोहली ने कहा, 'यह मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है... अभियोजन पक्ष के गवाह ने गोलीबारी के लिए मलिक की पहचान की है।' कोहली मलिक के खिलाफ 2 प्रमुख मामलों में मुख्य अभियोजक हैं। एक मामला 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का है जबकि दूसरा भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या का है। मलिक को चश्मदीद गवाह से जिरह करने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उसने इनकार कर दिया और अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश किए जाने के लिए जोर दे रहा है। 

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