क्या राहुल बनेंगे विपक्ष के नेता? सवाल पर क्या आया सोनिया गांधी का जवाब
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी एक बार फिर कांग्रेस संसदीय दल की नेता होंगी। कांग्रेस की सीईसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कांग्रेस ने शनिवार को संसदीय दल का नेता चुन लिया। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी संसदीय दल का नेता होंगी। इस मौके पर सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार किया और कहा कि इस लोकसभा चुनाव में मोदी की राजनीतिक एवं नैतिक हार हुई तथा उन्होंने अब नेतृत्व का अधिकार खो दिया है। हालांकि, उन्होंने इस दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए राहुल गांधी के बारे में भी जिक्र किया। एनडीटीवी की ने जब सोनिया गांधी से नेता प्रतिपक्ष को लेकर राहुल गांधी के बारे में पूछा तो उनका गोलमोल जवाब आया है। रिपोर्ट् की मानें तो जब गांधी से पूछा कि क्या राहुल गांधी यह जिम्मेदारी संभालेंगे, तो उन्होंने कहा, "आपको उनसे पूछना चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि शनिवार को सोनिया गांधी ‘संविधान सदन’ (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि विफलता की जिम्मेदारी लेने की बजाय प्रधानमंत्री रविवार को फिर से शपथ लेने का इरादा रखते हैं। सोनिया गांधी का कहना था, "हम उनसे यह उम्मीद नहीं करते हैं कि वे अपने शासन की शैली को बदल देंगे, न ही (वह) लोगों की इच्छा का संज्ञान लेंगे।"
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को सीपीपी प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका पार्टी के तीन सांसदों गौरव गोगोई, तारिक अनवर और के. सुधाकरन ने अनुमोदन किया। सोनिया गांधी 1999 से लगातार पार्टी की संसदीय दल की प्रमुख की जिम्मेदारी निभाती आ रही हैं। संसदीय दल की प्रमुख एक बार फिर से चुने जाने पर सोनिया गांधी ने कहा, "आप सभी ने एक बार फिर मुझ पर जो बड़ी जिम्मेदारी डाली है, उसके प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं...आपने सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कठिन चुनाव लड़ा है। आपने कई बाधाओं को पार किया है और बहुत प्रभावी ढंग से अभियान चलाया है। आपकी सफलता ने हमें लोकसभा में अधिक उपस्थिति और इसकी कार्यवाही में ज्यादा प्रभावी आवाज प्रदान की है।"
उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों के उल्लेख करते हुए कहा, "कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी दृढ़ता का प्रदर्शन किया है। यह एक शक्तिशाली और भयावह मशीनरी के विरुद्ध था जो हमें नष्ट करने की पूरी कोशिश कर रही थी। इसने हमें आर्थिक रूप से पंगु बनाने की कोशिश की। इसने हमारे और हमारे नेताओं के खिलाफ झूठ और बदनामी आधारित अभियान चलाया। कई लोगों ने हमारी समाप्ति की गाथा लिख डाली। लेकिन खरगे जी के दृढ़ नेतृत्व में हम टिके रहे। वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।" उनका कहना था कि पार्टी संगठन के प्रति खरगे की प्रतिबद्धता सचमुच असाधारण है और सभी को उनके उदाहरण से सीखना होगा।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए कहा, "भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा वास्तव में ऐतिहासिक आंदोलन थे जिन्होंने हमारी पार्टी में सभी स्तरों पर नयी जान फूंकी। अप्रत्याशित व्यक्तिगत और राजनीतिक हमलों के बावजूद लड़ने की अपने दृढ़ संकल्प एवं प्रतिबद्धता के लिए राहुल विशेष धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने संविधान की गारंटी और सुरक्षा पर हमारे कथन को भी बहुत तीव्रता से आकार दिया।"
उन्होंने यह भी, "कांग्रेस कार्य समिति प्रस्ताव में देश भर में हमारे सभी सहयोगियों और कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया गया है जिन्होंने हमारी सफलता के लिए इतनी मेहनत और लगन से काम किया। आपकी ओर से मैं उस भावना को दृढ़ता से दोहराना चाहती हूं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लाखों कार्यकर्ता सबसे कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। हम उनके साहस और प्रतिबद्धता को सलाम करते हैं। हम उनके प्रति कृतज्ञ एवं ऋणी हैं।"
भाषा के इनपुट के साथ