Hindi Newsदेश न्यूज़why kartavya path republic day celebration will be different made in india parade - India Hindi News

हर साल से अलग होगा इस बार का गणतंत्रदिवस समारोह, कर्तव्य पथ पर दिखेगा बड़ा बदलाव

इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायनों में हर साल से अलग होने जा रहा है। पहली बात तो यह कि इस बार राजपथ पर नहीं बल्कि कर्तव्य पथ पर परेड होगी। इसके अलावा मजदूर, सब्जीवाले भी विशेष अतिथि होंगे।

Ankit Ojha एजेंसियां, नई दिल्लीTue, 24 Jan 2023 06:52 AM
share Share

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से ही गणतंत्र दिवस समारोह शुरू हो गया है। नेताजी की 126वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने अंडमान और नीकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीरचक्र विजेता जवानों के नाम पर कर दिया। इसके अलावा सोमवार को कर्तव्य पथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया। बता दें कि गणतंत्र दिवस इस बार इस मायने में भी खास है कि पहली बार यह कार्यक्रम कर्तव्य पथ पर होगा। इससे पहले इसका नाम राजपथ हुआ करता था। लेकिन अब इसे कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाने लगा है। 

इस बार कम दर्शक पहुंचेंगे
सरकार ने इस  बार 45 हजार दर्शकों की ही व्यवस्था की है। वहीं कोरोना से पहले 1.25 लाख लोग परेड देखने पहुंचते थे। इस बार 32 हजार सीटें लोगों के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि इस समारोह में शामिल होने वाले सभी अधिकारियों को ऑनलाइन आमंत्रण भेजा गया है। कर्तव्य पथ पर पहली बार वायुसेना की गरुड़ स्पेशल फोर्स भी मार्च करेगी। स्क्वाड्रन लीडर पीएस जैतावत गरुड़ टीम का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी कंटीजेंट कमांडर होंगी। 

कौन हैं विशेष अतिथि?
गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार 1 हजार विशेष अतिथियों को बुलाया गया है। इनमें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मजदूर, सब्जीवाले, रिक्शावाले, छोटी दुकान चलाने वाले और मिल्क बूथ वर्कर शामिल हैं। इसके अलावा पहली बारविदशी कंटीजेंट के तौर पर इजिप्टियन आर्मी शामिल हो रही है। इस कंटीजेंट में 144 जवान हिस्सा लेंगे। 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी मुख्य अतिथि हैं।

इसके अलावा इस बार जितने भी सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा वे सभी 'मेड इन इंडिया' होंगे। 105 mm इनंडियन फील्ड गन्स से 21 गन सल्यूट दिया जाएगा।  इस बार 50 एयरक्राफ्ट इस समारोह में हिस्सा लेंगे जिनमें नौसेना का आईएल-38 पहली और शायद आखिरी बार भी शामिल होगा। बता दें कि पिछले 42 साल से आईएल-38 नौसेना में सेवा दे रहे हैं। इस बार 23 राज्यों की झांकी कर्तव्य पथ पर दिखाई देगी जिसमें आस्था को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें