पंडित नेहरू की कैबिनेट से अंबेडकर ने क्यों दिया था इस्तीफा, संसद में PM मोदी ने बताई वो वजह
PM Modi Lok Sabha: पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि पंडित नेहरू ने पूरा जोर लगा दिया था कि अंबेडकर चुनाव नहीं जीत सकें। उन्होंने कहा कि नेहरू की दलित विरोधी मानसिकता की वजह से ही अंबेडकर ने इस्तीफा दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित और पिछड़ा विरोधी है। उसका इतिहास ऐसी दलित विरोधी घटनाओं से अटा पड़ा है। पीएम ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट से तत्कालीन कानून मंत्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के इस्तीफे की चर्चा करते हुए कहा कि अंबेडकर ने दलितों की उपेक्षा की वजह से उनकी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
पीएम ने कहा, "बाबासाहब ने नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा देते समय जो कारण बताए थे, वह इनकी मानसिकता को दर्शाते हैं। बाबासाहब ने कहा था कि अनुसूचित जातियों की उपेक्षा के कारण अपने आक्रोश को रोक नहीं सका। नेहरूजी ने बाबासाहब का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। पहले षड़यंत्र पूर्वक चुनाव में हरवाया गया। इतना ही नहीं, इस पराजय का जश्न मनाया गया ।"
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि पंडित नेहरू ने पूरा जोर लगा दिया था कि अंबेडकर चुनाव नहीं जीत सकें। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू की दलित विरोधी मानसिकता की वजह से ही अंबेडकर ने उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। पीएम इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने नेहरू के बाद लंबे समय तक सत्ता में रहीं उनकी बेटी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी हमला बोला और कहा कि इंदिरा गांधी भी दलित विरोधी थीं।
पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल के समय बिहार के बड़े दलित नेता जगजीवन राम के पीएम बनने की संभावना थी लेकिन इंदिरा गांधी ने उन्हें किसी भी कीमत पर पीएम नहीं बनने देने का संकल्प लिया था। पीएम ने कहा, "इमरजेंसी के बाद जगजीवन राम के पीएम बनने की संभावना थी। इंदिरा गांधी ने ये पक्का किया कि जगजीवन राम किसी भी कीमत पर पीएम न बन पाएं। एक किताब में लिखा है कि अगर जगजीवन राम पीएम बन गए तो वे हटेंगे नहीं।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह के साथ भी यही व्यवहार किया था। पीएम ने कहा कि बिहार के ही पिछड़े समुदाय के नेता रहे सीताराम केसरी के साथ भी कांग्रेस ने अपमानजनक व्यवहार किया था, जबकि केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी रही है। उसनें मंडल कमीशन की रिपोर्ट लंबे समय तक दबा रखी थी लेकिन वीपी सिंह की सरकार ने उसे लागू किया। इसके जरिए पीएम ने इंदिरा और राजीव गांधी दोनों पर निशाना साधा।