क्यों अखिलेश यादव MY से ज्यादा PDA समीकरण पर कर रहे भरोसा, योगी आदित्यनाथ के दांव से भी सतर्क
खिलेश यादव ने पार्टी के प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की मीटिंग ही बुला ली। इस मीटिंग में अखिलेश यादव ने साफ नसीहत दी कि सपा के लोग टीवी या किसी डिबेट में हिंदू-मुसलमान के नैरेटिव में न फंसें।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक इंटरव्यू में ज्ञानवापी विवाद पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि इसे मस्जिद कहना ही विवाद का कारण होगा। यह मस्जिद नहीं कही जा सकती। आखिर उस परिसर में त्रिशूल, देव प्रतिमाएं क्या कर रही हैं। उसकी दीवारें ही चिल्ला-चिल्लाकर कह रही हैं कि वह क्या है। सीएम योगी का इतना कहना था कि मंगलवार को अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की मीटिंग ही बुला ली। इस मीटिंग में अखिलेश यादव ने साफ नसीहत दी कि सपा के लोग टीवी या किसी डिबेट में हिंदू-मुसलमान के नैरेटिव में न फंसें और संभलकर जवाब दें।
उनका साफ इशारा ज्ञानवापी मसले पर था, जिस पर तीखा रिएक्शन देकर योगी आदित्यनाथ ने एक तरह से टोन तय कर दी कि आने वाले महीनों में राजनीति का रुख क्या होगा। उनके बयान के बाद अखिलेश बेहद सतर्क नजर आए हैं। यही नहीं अखिलेश यादव ने प्रवक्ताओं से एक तरफ इससे बचने को कहा तो वहीं सपा के परंपरागत MY समीकरण की बजाया PDA पर फोकस करने को कहा। PDA का अर्थ पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय से है। अखिलेश यादव ने सपा प्रवक्ताओं से कहा कि वे किसी भी डिबेट में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा बात करें।
MY की बजाय क्यों PDA पर कर रहे फोकस
दरअसल अखिलेश यादव पर आरोप लगते रहे हैं कि वह पिछड़ा और मुसलमान को तो साथ लेकर चलते हैं, लेकिन दलित समुदाय के बीच पैठ नहीं बना पा रहे। इसी कमी को दूर करने के लिए उन्होंने MY की बजाय PDA पर फोकस करने की बात कही है। अखिलेश की मीटिंग में कुल 62 प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट मौजूद थे। मीटिंग में रहे एक नेता ने बताया, 'अखिलेश ने पार्टी प्रवक्ताओं से कहा कि वे सावधान रहें। भाजपा झूठ, प्रोपेगेंडा और साजिश के जरिए हिंदू मुस्लिम कराना चाहेगी। इसकी बजाय आपको पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक और जाति जनगणना पर डटे रहना है, जिसका फायदा 2024 के चुनाव में मिलेगा।'
सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहने की सलाह, डिंपल भी बोलीं
एक और प्रतिनिधि के मुताबिक अखिलेश ने कहा, 'चीफ मिनिस्टर ने ज्ञानवापी पर बोला है। इस पर जवाब देने और फंसने से बचें। भाजपा सोशल मीडिया पर हमारी उपस्थिति भी कम करने का प्रयास करेगी। इससे बचें क्योंकि सोशल मीडिया आज के दौर में अहम है। भाजपा के पास सोशल मीडिया में झूठ फैलाने की एक्सपरटाइज है। हमें भाजपा को एक्सपोज ररना होगा।' इस मीटिंग में डिंपल भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि वे विवादित मुद्दों से बचें।