आखिर क्या होता है डिफेंस कॉरिडोर, केवल दो राज्यों में ही है; अब पूरी कोशिश में लगा असम
इन दोनों कॉरिडोरों का उद्देश्य देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता को कम करना, और आत्मनिर्भर भारत (मेक इन इंडिया) के तहत घरेलू रक्षा उद्योग को सशक्त बनाना है।
What is a defense corridor: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य में देश का तीसरा रक्षा गलियारा यानी डिफेंस कॉरिडोर स्थापित करने के प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। शर्मा ने हाल में अपने नई दिल्ली दौरे के दौरान राजनाथ सिंह से मुलाकात की और असम राज्य में रक्षा गलियारा स्थापित करने के मुद्दे पर चर्चा की। शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राज्य में सेमीकंडक्टर इकाई लगने के बाद हम चाहते हैं कि यह एक रक्षा उत्पादन केंद्र बने और राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्ताव ‘‘विचाराधीन’’ है, लेकिन इसकी संवेदनशीलता के कारण इसमें कुछ समय लग सकता है। शर्मा ने कहा कि अंतिम निर्णय लेने से पहले कई कारकों का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रक्षा गलियारा स्थापित करने से राज्य की आर्थिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
क्या होता है डिफेंस कॉरिडोर?
डिफेंस कॉरिडोर एक विशेष क्षेत्र होता है जिसे सैन्य उपकरणों और हथियारों के निर्माण, अनुसंधान और विकास के लिए तैयार किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाना होता है। डिफेंस कॉरिडोर के तहत जिन क्षेत्रों को तैयार किया जाता है वहां पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर और एमएसएमई द्वारा रक्षा उपकरणों का घरेलू उत्पादन किया जाता है ताकि रक्षा बलों की परिचालन क्षमता को बढ़ाया जा सके। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
असम क्यों चाहता है इसे?
आर्थिक विकास: डिफेंस कॉरिडोर स्थापित होने से राज्य में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे आर्थिक विकास होगा।
रणनीतिक स्थान: असम की भौगोलिक स्थिति इसे रक्षा उपकरणों और लॉजिस्टिक्स के लिए महत्वपूर्ण बनाती है, विशेषकर पूर्वोत्तर भारत और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के संदर्भ में।
स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा: डिफेंस कॉरिडोर से असम में स्थित छोटे और मध्यम उद्योगों को भी रक्षा उत्पादन में शामिल होने का मौका मिलेगा, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा: असम की सीमा चीन और अन्य पूर्वोत्तर देशों से करीब है, इसलिए यहां एक मजबूत रक्षा संरचना का होना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
प्रशिक्षण और अनुसंधान: डिफेंस कॉरिडोर में नए अनुसंधान केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जा सकते हैं, जो स्थानीय युवाओं को रक्षा क्षेत्र में करियर बनाने के अवसर प्रदान करेंगे। इन सभी कारणों से असम डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना चाहता है ताकि वह राज्य और देश के रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सके।
भारत में कितने और कहा-कहां हैं डिफेंस कॉरिडोर?
भारत में वर्तमान में दो प्रमुख डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं।
1. उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर: यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और इसमें छह नोड्स शामिल हैं - अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, लखनऊ, और कानपुर। यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रक्षा उत्पादन और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए विकसित किया गया है।
2. तमिलनाडु डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर: यह कॉरिडोर तमिलनाडु राज्य में स्थित है और इसमें पांच नोड्स शामिल हैं - चेन्नई, होसुर, कोयंबटूर, सलेम, और तिरुचिरापल्ली। यह कॉरिडोर तमिलनाडु में रक्षा उत्पादन और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है।
इन दोनों कॉरिडोरों का उद्देश्य देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता को कम करना, और आत्मनिर्भर भारत (मेक इन इंडिया) के तहत घरेलू रक्षा उद्योग को सशक्त बनाना है।