सीआरपीएफ के 85 साल के इतिहास में पहली बार रसोइयों और वाटर कैरियर्स को मिला प्रमोशन
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के इतिहास में पहली बार 2,600 रसोइयों और वाटर कैरियर्स को प्रमोशन दिया गया है। 85 साल के इतिहास में पहली बार इस पद पर कर्मियों को प्रमोशन मिला है।
देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 85 साल के इतिहास में पहली बार 2,600 रसोइयों और वाटर कैरियर्स को प्रोमोट किया गया है। सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया है कि बुधवार को इस संबंध में एक ऑर्डर जारी किया गया। इसके जरिए 1,700 रसोइयों और 900 वाटर कैरियर्स को उनके कांस्टेबल पद से प्रोमोट कर हेड कांस्टेबल पद पर नियुक्त किया गया है।
सीआरपीएफ की स्थापना 1939 में हुई थी। इस पद के कर्मी तब से इस बल का हिस्सा हैं जब से इसकी स्थापना हुई है। इस वक्त सीआरपीएफ में इन दो विशेष वर्ग के कुल 12,250 कर्मी हैं। यह लगभग 3.25 लाख पुरुष और महिला कर्मियों के लिए रसोई, कैंटीन और दूसरे प्रशासनिक कार्यों के प्रमुख नेटवर्क को संभालते का काम करते हैं। अधिकारी ने बताया कि 2016 में जब केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की थीं तब उन्हें कुक और वाटर कैरियर का विशिष्ट काडर नाम दिया गया था।
वहीं केंद्रीय सशस्त्र बल पुलिस (सीएपीएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि इन कर्मियों को पदानुक्रम में सबसे निचले पायदान पर भर्ती किया गया था और इनको कभी प्रोमोट नहीं किया गया था। यह लोग औसतन लगभग 30-35 सालों की नौकरी के बाद भी वे उसी पद से रिटायर होते थे। सीएपीएफ के अधिकारी ने कहा कि रसोइयों और वाटर कैरियर्स किसी भी फोर्स के संचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। सीआरपीएफ के प्रत्येक बटालियन में करीब 45 ऐसे कर्मी हैं। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ ने इन कर्मियों को पदोन्नत करने के संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया था जिसे बाद में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दी थी।
अधिकारी ने बताया कि इस आदेश के तहत पदोन्नत किए गए 2,600 कर्मियों की भर्ती 1983 से 2004 के बीच की गई थी। उन्होंने बताया कि बाकी कर्मियों को भी जल्द ही प्रमोशन मिल सकता है।