महाराष्ट्र-गोवा ट्रेन की पैंट्री कार में 'ड्यूटी' कर रहे चूहे, खाना कुतरने का वीडियो वायरल; क्या बोला IRCTC
वायरल वीडियो के जवाब में, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने यात्रियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए इस मामले पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

साफ, स्वच्छ और शुद्ध भोजने उपलब्ध कराने का दावा करने वाली भारतीय रेलवे का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो ने भारतीय रेलवे में स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इसमें महाराष्ट्र और गोवा के बीच चलने वाली 'लोकमान्य तिलक टर्मिनस मडगांव एसी डबल डेकर एक्सप्रेस' की पेंट्री कार के अंदर चूहों को खाना कुतरते हुए देखा गया है।
वायरल वीडियो पर आईआरसीटीसी ने भी प्रतिक्रिया दी है। मुंबई मैटर्स द्वारा एक्स (ट्विटर) पर साझा किए गए वीडियो में चूहों को पैंट्री के आसपास भागते हुए दिखाया गया है। वीडियो बनाने वाला शख्स ट्रेन का नंबर और नाम भी दिखाता है। वीडियो के साथ तंज कसते हुए यूजर ने लिखा, "यात्रियों को स्वच्छ और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराने और गुणवत्ता नियंत्रण की निगरानी के लिए भारतीय रेलवे ने पैंट्री कारों के अंदर भोजन चखने वालों को नियुक्त किया है। 14 अक्टूबर 2023 को 11009 एलटीटी मडगांव एक्सप्रेस की पेंट्री कार के अंदर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।"
वायरल वीडियो के जवाब में, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने यात्रियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए इस मामले पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। IRCTC ने लिखा, “मामले को गंभीरता से लिया गया है और उचित कार्रवाई की गई है। पैंट्री कार स्टाफ को पैंट्री कार में स्वच्छता और सफाई सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया गया है। संबंधितों को प्रभावी कीट और कृंतक नियंत्रण उपायों को सुनिश्चित करने के लिए उचित सलाह दी गई है, जिसे सुनिश्चित किया जा रहा है।”
वीडियो पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब, चूहे को लेकर रेलवे का नाम सुर्खियों में है। पिछले दिनों उत्तर रेलवे ने चूहों से छुटकारा पाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है जिसमें लाखों खर्च करने पड़े थे। यूपी में एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि रेलवे ने चूहों को पकड़ने में लाखों की रकम खर्च की है। हालांकि ये केवल एक आरटीआई से जवाब मिला है। तीन में से एक आरटीआई के जवाब में बताया गया कि चूहों को पकड़ने पर रेलवे ने 69 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। ये रकम केवल 3 साल में खर्च की गई है।