आखिर अयोध्या में कैसे हार गई बीजेपी? विकास दिव्यकीर्ति ने गिनाए कौन से कारण
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, 'ऐसा माना जाता रहा है कि OBC वोटर्स सपा के ही हैं। दलित वोट पाने के लिए उन्होंने दलित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारा। नॉन-रिजर्व सीट पर ऐसा होना बड़ी बात है।'
लोकप्रिय टीचर विकास दिव्यकीर्ति ने लोकसभा चुनाव के दौरान अयोध्या से भाजपा की हार पर बड़ा बयान दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि फैजाबाद से बीजेपी का हारना आश्चर्य वाली बात नहीं है। दिव्यकीर्ति ने अपनी बात को समझाते हुए कहा, 'लोग अयोध्या को लेकर कहते हैं कि ऐसा कैसे हुआ। वहां मंदिर बना और ऐसा हो गया। मगर, सीट तो फैजाबाद है जिसके 5 हिस्से में से एक भाग अयोध्या का है। फैजाबाद के आसपास की लगभग सभी सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती हैं। ऐसे में यह मामला किसी एक सीट का नहीं है।' उन्होंने कहा कि वहां ओबीसी 22 प्रतिशत और दलित 21 फीसदी हैं। मुस्लिम आबादी 18 प्रतिशत है। इस तरह तीनों मिलाकर 61 फीसदी हो जाते हैं।
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, 'ऐसा माना जाता रहा है कि OBC वोटर्स सपा के ही हैं। दलित वोट पाने के लिए उन्होंने दलित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारा। नॉन-रिजर्व सीट पर ऐसा होना बड़ी बात है। सपा ने अवधेश प्रसाद को फैजाबाद से टिकट दिया जो पासी समुदाय से आते हैं। अयोध्या वाले इलाके में दलितों में पासी समुदाय के सबसे ज्यादा लोग हैं।' उन्होंने कहा कि मुसलमानों को बीजेपी से नफरत है, यह बात दुनिया जानती है। इस तरह जब ये तीनों मिलाकर 60 प्रतिशत वोट हो जाते हैं तो अयोध्या से भाजपा का हारना आश्चर्य की बात नहीं है। 2014 और 2019 का वोट प्रतिशत देखिए। अयोध्या में पिछले तीन चुनावों में जीतने वाले कैंडिडेट को 48 फीसदी ही मत मिले हैं।
अवधेश प्रसाद बन गए बड़ा फैक्टर
फैजाबाद सीट के चुनावी नतीजों पर बोलते हुए विकास दिव्यकीर्ति ने आगे कहा, 'दोनों बार भाजपा के उम्मीदवार केवल 12-13 हजार वोटों से जीते थे और उन्हें 4-5 लाख के करीब मत मिले थे। दरअसल, अवधेश प्रसाद अयोध्या में एक तरह से स्थापित रहे हैं। वह पुराने नेता हैं। यहां के दलित मतदाताओं को ऐसा लगा कि उनके पास तो अपना नेता है। साथ ही, बसपा थोड़ी कमजोर भी हो गई थी।' उन्होंने कहा कि 2014 में बीएसपी कैंडिडेट को 1 लाख 40 हजार के करीब वोट मिले थे। इस बार मतों की यह संख्या 45 हजार पर आ गई। इस तरह बीएसपी के करीब 1 लाख वोट सपा की ओर शिफ्ट हो गए। देखिए कि अवधेश प्रसाद 50 हजार वोटों से ही जीते हैं। इसलिए बहुत ज्यादा हैरान होने की जरूरत नहीं है।