बांग्लादेश से बढ़ते घुसपैठ के बीच त्रिपुरा सीएम ने BSF अधिकारियों के साथ की बैठक
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती घुसपैठ पर चिंता जताई है। उन्होंने बीएसएफ के साथ मीटिंग कर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
त्रिपुरा में सीमा पर हाल ही में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या में में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके बाद सरकार हरकत में आ गई है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्होंने बीएसएफ को सीमा पार कड़ी निगरानी रखने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। साहा के पास गृह विभाग भी है। अगरतला के सालबागान में स्थित बीएसएफ मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सीएम ने भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ में हाल ही में हुई वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है और अधिकारियों को घुसपैठियों को सहारा देने और अवैध सीमा पार करने में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एस के सिन्हा ने माणिक साहा को जवानों की कमी से जुड़े मुद्दों से अवगत कराया और कहा कि लोकसभा चुनाव और मणिपुर में बीएसएफ सैनिकों की तैनाती के कारण सैनिकों की उपलब्धता प्रभावित हुई है। हालांकि एस के सिन्हा ने आश्वासन दिया कि बीएसएफ घुसपैठ में मदद करने वाले दलालों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी और सकारात्मक नतीजों के लिए भरसक प्रयास करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि बीएसएफ त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नाजुक इलाकों में बॉर्डर की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लगाने की प्रक्रिया में है। बैठक में मुख्य सचिव जे के सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अनुराग और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
त्रिपुरा के ज़रिए भारत में मानव तस्करी
पिछले कुछ हफ्तों में अगरतला रेलवे स्टेशन और त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में कई बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या को राज्य से बाहर जाने वाली ट्रेनों में सवार होने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया है। पिछले चार दिनों में अगरतला रेलवे स्टेशन पर ही 30 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। रेलवे स्टेशन पर ड्रग, हथियार और मानव तस्करों की लगातार गिरफ़्तारी से अधिकारियों को संदेह है कि इस स्टेशन का इस्तेमाल तस्करी के लिए मुख्य केंद्र के रूप में किया जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल गुवाहाटी में दर्ज एक मामले के सिलसिले में त्रिपुरा के कई युवकों को गिरफ़्तार किया है। इसमें बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं पर त्रिपुरा के ज़रिए भारत में मानव तस्करी में शामिल होने का आरोप है।
2023 में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 744 लोग गिरफ़्तार
बीएसएफ ने इस साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट में कहा था कि उसने 2023 में अंतरराष्ट्रीय सीमा को अवैध रूप से पार करने वाले 744 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इसमें 112 अवैध रोहिंग्या प्रवासी, 337 बांग्लादेशी नागरिक और 295 भारतीय शामिल हैं। 2022 में, बीएसएफ ने बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 59 रोहिंग्या और 160 भारतीय और 150 बांग्लादेशी नागरिकों सहित 369 लोगों को हिरासत में लिया था। त्रिपुरा बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है, जिसके कुछ हिस्सों में जमीन विवाद और सीमांकन संबंधी मुद्दों की वजह से अभी भी फेंसिंग नहीं हुई है।