राजनीति नहीं, लोगों के लिए काम करना चाहता हूं; टिपरा प्रमुख
प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबरमा ने कहा है कि वे राजनीति में नहीं पड़ना चाहते हैं और लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे इसे हासिल करने के बाद ही मैं सार्वजनिक जीवन से बाहर निकलेंगे।

टिपरा इंडिजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल एलायंस (टिपरा मोथा पार्टी) के प्रमुख प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा ने मंगलवार को कहा कि वे राजनीति में नहीं पड़ना चाहते हैं और लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे इसे हासिल करने के बाद ही मैं सार्वजनिक जीवन से बाहर निकलेंगे। त्रिपुरा के शाही वंशज देब बर्मा ने वीडियो में कहा, "मैंने लोगों को कुछ देने के लिए राजनीति व सार्वजनिक जीवन से बाहर निकलने का फैसला किया है।" एक मिनट लंबे वीडियो में देब बर्मा कहते हैं, 'एमपी बनने से कुछ नहीं मिलेगा। अपने लोगों के लिए कुछ करूंगा।'
वे कहते हैं, "मैं राजनीति में नहीं पड़ूंगा...मैं अपने लोगों के लिए और अधिक करना चाहता हूं और इसे हासिल करने के बाद ही मैं सार्वजनिक जीवन से बाहर निकलूंगा। सांसद या मंत्री बनने से कुछ हासिल नहीं होगा। हम टिपरा समाज को खासकर दिल्ली के सामने एक आवाज बनकर बोलने की जरूरत है। मैंने ऐसा किया है और बहुत त्याग किया है। हमारे समाज में अहंकार और ईर्ष्या एक बड़ी समस्या है। अब मैं आपसे अपील करता हूं कि कृपया कुछ महीनों के लिए अपने अहंकार को किनारे रखें और हमारे आंदोलन का समर्थन करें।"
बता दें कि टिपरा मोथा त्रिपुरा राज्य का मुख्य विपक्षी दल भी है। प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा का ये बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले ही उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात की थी। टिपरा मोथा का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला और ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की उसकी मांग का ‘संवैधानिक समाधान’ करने का अनुरोध किया था।
टिपराहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टिपरा मोथा) के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार जल्द हमारी मांगों पर चर्चा की प्रक्रिया शुरू करेगी। शाह से मुलाकात के बाद देबबर्मा ने संवाददाताओं से कहा, “हमारा एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट है। ग्रेटर टिपरालैंड की स्थापना की हमारी मांग का संवैधानिक समाधान हो। हम आज उनसे (शाह) मिले और स्पष्ट किया कि हम मूल निवासियों की वास्तविक समस्याओं को हल करने में दिलचस्पी रखते हैं। लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है और हमें जल्द समाधान की जरूरत है।”
देबबर्मा के मुताबिक, शाह ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इस वक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय का पूरा ध्यान हिंसा प्रभावित मणिपुर पर केंद्रित है। हालांकि, टिपरा मोथा प्रमुख ने बताया कि गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मांग पर पार्टी के साथ जल्द चर्चा शुरू की जाएगी।
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