कोई था फुटबॉल प्लेयर, किसी ने सरकारी नौकरी छोड़ मारी सियासत में एंट्री; सिक्किम-अरुणाचल में जीत के पीछे कौन
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी हुए है। विधानसभा चुनाव के बाद आज वोटों की गिनती जारी है।
देश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी हुए। विधानसभा चुनाव के बाद आज वोटों की गिनती जारी है। अरुणाचल प्रदेश के रुझानों से पता चला है कि एक बार फिर बीजेपी प्रचंड बहुमत की तरफ से है। सीएम पेमा खांडू के नेतृत्व पार्टी राज्य में एक बड़ी जीत की तरफ आगे बढ़ रही है। वहीं सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) अपनी सरकार बनाने जा रही है। इसी बीच सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग ने भी बड़ी जीत हासिल की है। सिक्किम के सीएम तमांग ने एसडीएफ के प्रत्याशी सोमनाथ पौडयाल को 7044 वोटों से मात देकर जीत हासिल की है। ऐसे में रहेनोक सीट पर तमांग की जीते के बाद से उनके समर्थकों में गजब का उत्साह भी देखा जा रहा है।
कौन हैं प्रेम सिंह तमांग
प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को हुआ। उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में टीचर भी रहे। समाज सेवा के लिए तमांग ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और फिर वह एसडीएफ में शामिल हो गए। अपने राजनीतिक करियर के दौरान 1994 से लगातार पांच बार तमांग चुनकर विधानसभा पहुंचे। इस बीच तमांग 2009 तक एसडीएफ की सरकार में मंत्री भी रहे। इस बीच 2009-2014 के कार्यकाल के दौरान चामलिंग ने तमांग को मंत्री पद देने से इनकार कर दिया। इसी के चलते तमांग ने पार्टी छोड़ दी और खुद की पार्टी का गठन किया।
बगावत करके बनाई पार्टी
चामलिंग की अगुवाई वाले एसडीएफ के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग ने बगावत करके 2013 में अपनी पार्टी बनाई थी। उन्होंने पार्टी का नाम सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा रखा। पार्टी बनाने के बाद 2014 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में तमांग की पार्टी एसकेएम ने 10 सीटें जीती थीं। बाद में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी के मामले में दोषी ठहराया गया, जिस वजह से उन्हें 2016 में जेल भी जाना पड़ा। बाद में उनकी विधानसभा सदस्यता भी समाप्त कर दी गई। 2018 में तमांग जेल से बाहर निकले।
कौन हैं पेमा खांडू
पेमा खांडू भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 37 साल की आयु में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। खांडू के पहले अखिलेश यादव ही भारत के सबसे कम आयु वाले मुख्यमंत्री थे। अखिलेश ने 38 वर्ष की उम्र में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली थी। पेमा खांडू खेलों के शौकीन हैं। फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल जैसे खेलों में उनकी बड़ी दिलचस्पी है। उन्होंने राजनीति में आने के बाद उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खूब प्रयास किए।
कांग्रेस से की बगावत
अरुणाचल में बीजेपी की इस जीत का श्रेय सीएम पेमा खांडू को जाता है। पेमा खांडू पहले कांग्रेस में थे। लेकिन 16 सितंबर 2016 में कांग्रेस से बगावत करते हुए वो बीजेपी की सहयोगी पीपुल्स पार्टी ऑफ (पीपीपी) में शामिल हो गए। ऐसे में उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बना ली। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए गए। बीजेपी ने उन्होंने मुख्यमंत्री बनाया। 2019 में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की और पेमा खांडू को फिर से सीएम चुना गया। अब पेमा खांडू तीसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं।