Sex Scandal: जब प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार करने सिर्फ महिला पुलिस ही पहुंची, क्या थी खास वजह
Sex Scandal: रेवन्ना बीती देर रात जब विमान से बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरे, वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों का एक दल उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट की तामील करने के लिए उनका इंतजार कर रहा था।
सेक्स स्कैंडल कांड के मुख्य आरोपी माने जा रहे जनता दल (सेक्युलर) सांसद प्रज्वल रेवन्ना को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। खास बात है कि उसे गिरफ्तार करने वाले दल में सभी महिला पुलिसकर्मी ही शामिल थीं। मामला सामने आने के बाद से ही प्रज्वल भारत से बाहर था। उसे जर्मनी से लौटते ही पुलिस ने एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया था।
रेवन्ना बीती देर रात जब विमान से बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरे, वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों का एक दल उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट की तामील करने के लिए उनका इंतजार कर रहा था। JDS संरक्षक एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और हासन लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार प्रज्वल (33) पर महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है।
पीटीआई भाषा को एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि वह जर्मनी के म्यूनिख से बेंगलुरु आए विमान से जैसी ही उतरे, खाकी वर्दीधारी महिलाओं ने उन्हें हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी वारंट को क्रियान्वित किए जाने की प्रक्रिया के तहत उन्हें महिला पुलिसकर्मियों के दल ने घेर लिया। इस दल का नेतृत्व दो आईपीएस अधिकारियों सुमन डी पेन्नेकर और सीमा लाटकर ने किया। इसके बाद प्रज्वल को एक जीप में सीआईडी कार्यालय ले जाया गया।
जीप में केवल महिला पुलिसकर्मी ही थीं। एसआईटी के एक सूत्र ने पीटीआई भाषा से कहा, 'प्रज्वल को गिरफ्तार करने के लिए सभी महिला अधिकारियों को भेजने का कदम जानबूझकर उठाया गया। इस कदम से यह संदेश गया कि जद(एस) नेता ने एक सांसद के रूप में अपने पद और शक्ति का महिलाओं के खिलाफ दुरुपयोग किया और उन्हीं महिलाओं के पास कानूनी कार्यवाही के जरिए उन्हें गिरफ्तार करने का अधिकार है।' सूत्र ने कहा कि इसके जरिए पीड़िताओं को यह प्रतीकात्मक संदेश भी दिया गया कि महिला अधिकारी किसी से नहीं डरतीं।
जांच के लिए SIT ने सेक्स टेप्स सको फॉरेंसिक लैब भेजा है। साथ ही इन आपत्तिजनक वीडियो को शूट करने में इस्तेमाल की गई डिवाइस की पहचान करने की कोशिश जारी है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मुख्य डिवाइस को तबाह कर दिया है और अगर जांचकर्ता इसका पता नहीं लगा पाते हैं, तो प्रज्वल पर सबूतों से छेड़छाड़ के भी आरोप लगेंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)