सीमाचंल एक्सप्रेस हादसा: वैक्यूम में लकड़ी डालकर कसा और आगे बढ़ा दी ट्रेन
सीमांचल एक्सप्रेस (Seemanchal Express) के दुर्घटना में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इस दुर्घटना में बाल-बाल बचे एक रेल यात्री ने रेलवे की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बताया कि कटिहार...
सीमांचल एक्सप्रेस (Seemanchal Express) के दुर्घटना में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इस दुर्घटना में बाल-बाल बचे एक रेल यात्री ने रेलवे की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बताया कि कटिहार रेलवे स्टेशन से खुलने के बाद ही ट्रेन में झटके लगने लगे थे। सिग्नल मिलने के बाद जैसे ही ट्रेन खुली वैसे ही तीन चार-बार वैक्यूम होकर ट्रेन रुक जा रही थी। इसके बाद रेलवे कर्मियों ने इसे ठीक करने की जगह पाइप में लकड़ी का टुकड़ा डाला और उसी के सहारे वैक्यूम को कसकर ट्रेन को आगे बढ़ा दिया। इसके बाद रास्ते में कई जगह ट्रेन ने झटका दिया, बावजूद इसके कर्मियों ने इसे ठीक नहीं कराया।
कटिहार से प्रयागराज जा रहे प्रवीण कुमार शर्मा ने बताया कि ट्रेन के एस-8 बोगी में 17 नंबर सीट पर बैठे हुए थे। सीमांचल एक्सप्रेस जोगबनी और राधिकापुर से अलग-अलग ट्रेन बनकर आती है। कटिहार आने के बाद यहां पर दोनों ट्रेनों की बोगियों को जोड़कर एक ट्रेन बनाया जाता है। कटिहार स्टेशन पर जुड़ने के बाद यहां से ट्रेन आनंद विहार टर्मिनल के लिए रवाना होती है।
पटरी में दरार के कारण सीमांचल एक्सप्रेस के 11 डब्बे ट्रैक से उतरे
घटना के बारे में यात्री ने बताया कि सुबह के लगभग चार बजे अचानक तेज आवाज हुई और लोग बर्थ से नीचे गिरने लगे। इसी दौरान बोगी पलट गई थी। सीट के ऊपर ही आपातकालीन खिड़की खुली हुई थी। मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में खिड़की खोलकर उससे खुद बाहर निकला और कई यात्रियों को बाहर निकाला। विनोद कुमार सिंह और अशोक यादव ने बताया कि बोगी पलटने के बाद बोगी से बाहर निकलने के दौरान भगदड़ की स्थिति हो गई। जिसमें दबकर एक महिला की मौत हो गई। बहरहाल जिस तरह से यात्रियों ने रेलवे की व्यवस्था पर आरोप लगाया, वह बहुत गंभीर है। लेकिन रेलवे की जांच टीम की जांच के बाद यह पता चल सकेगा कि आखिर घटना के पीछे कारण क्या है।
जब हमारी नींद खुली तो पूरी बोगी में चीख-पुकार मची थी
सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर के रहने वाले विनोद कुमार गुप्ता पत्नी चंदा देवी, साली बिंदा देवी, सविता और अन्य परिजनों के साथ दिल्ली जा रहे थे। बताया कि रविवार की सुबह सभी सोये हुये थे। तभी एकाएक तेज आवाज आयी। चंद ही सेकेंड में बी-3 बोगी पलट गयी। नींद में सोये लोगों की आंख खुली तो पूरी बोगी में चीख-पुकार मच गयी। अंधेरे के बीच किसी तरह लोग खिड़की तक पहुंचे। कुछ समय बाद ग्रामीणों की मदद से वे बोगी के बाहर निकल सके। पटना के एग्जीबिशन रोड के रहने वाले बीबीए पार्ट वन के छात्र इंजमाम हक को गंभीर चोट आयी है। वह इसी ट्रेन पर सवार होकर दिल्ली जा रहा था। इसके अलावा सहरसा जिले के मैना के रहने वाले वेटनरी डॉक्टर सुमन कुमार के पैर में पत्थर गड़ गया है।
झटका लगा और बोगियां बिखर गईं, मची रही अफरातफरी
कटिहार निवासी व घायल यात्री मंजू देवी ने बताया कि करीब 3.58 मिनट पर तेज आवाज हुई। ट्रेन की बोगियां पटरी से छितरा गई। मैं जख्मी हो गई। पूर्णिया निवासी व घायल पूनम देवी ने बताया कि इलाहाबाद संगम में स्नान करने जा रही थी। बोगियां पटरी से उतर जाने से अफरातफरी मच गई। मुझे चोट आई है। पूर्णिया निवासी छोटू कुमार ने बताया कि ट्रेन पर अपने परिवार के साथ सवार थे। कटिहार व एक अन्य स्टेशन पर भी ट्रेन में हल्का सा झटका लगा था। करीब 3.55 बजे जब सहदेई बुजुर्ग स्टेशन के पास पहुंचे तो दो-तीन बार ट्रेन के झटके का अहसास हुआ। थोड़ी देर में कई बोगियां पटरी से उतर गई। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त एसी कोच से करीब 16 यात्रियों को बाहर निकालने के दौरान मुझे चोट लगी।
Seemanchal Exp. Accident: तेज आवाज के साथ पलटी ट्रेन और छा गया अंधेरा
कटिहार स्टेशन पर दर्ज करायी थी मेंटेनेंस की शिकायत
पश्चिम बंगाल के रायपुर से एक ही परिवार के सात लोग दिल्ली के लिए सवार हुए थे। एसी बोगी में कटिहार स्टेशन पर परिवार के मुखिया विनोद गुहा ने टीटी से लिखित शिकायत में लिखा था कि गाड़ी का मेंटेनेंस ठीक नहीं है। इसके ठीक साढ़े तीन घंटे के बीच हादसा हो गया। हादसे में उनके परिवार की एक महिला चंदा देवी का पैर कट गया है। इनका पीएमसीएच में इलाज चल रहा है। अन्य छह लोगों में सरिता देवी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। इनका सारा सामान हादसे में गायब हो गया। दूसरे के जूते-चप्पल पहनकर पहुंचे। इन लोगों ने ईसीआर के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी को हादसे की जानकारी देते हुए शिकायत की पर्ची भी दिखाई। विनोद ने बताया कि मैं भागलपुर का हूं। शादी समारोह में शामिल होने पश्चिम बंगाल गए हुए थे।