सीमाचंल एक्सप्रेस हादसे में 7 लोगों की मौत, एक दशक में हुए ये बड़े रेल हादसे
दिल्ली आ रही सीमांचल एक्सप्रेस के 11 डिब्बे बिहार के वैशाली जिले में पटरी से उतर गए, जिससे सात लोगों की मौत हो गई। हादसा रविवार तड़के तीन बजकर 58 मिनट पर सहदेई बुजुर्ग में हुआ। पूर्व मध्य...
दिल्ली आ रही सीमांचल एक्सप्रेस के 11 डिब्बे बिहार के वैशाली जिले में पटरी से उतर गए, जिससे सात लोगों की मौत हो गई। हादसा रविवार तड़के तीन बजकर 58 मिनट पर सहदेई बुजुर्ग में हुआ। पूर्व मध्य रेलवे के प्रवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि सामान्य श्रेणी का एक डिब्बा, वातानुकुलित श्रेणी का एक डिब्बा बी3, शयनयान श्रेणी के डिब्बे एस8, एस9, एस10 और चार अन्य डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे ने कहा कि ट्रेन हादसे में छह लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि हादसे के समय '12487 जोगबनी-आनंद विहार टर्मिनल सीमांचल एक्सप्रेस तेज गति से चल रही थी। सोनपुर और बरौनी से डॉक्टरों का दल घटनास्थल पर पहुंच गया है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर राहत ट्रेन रवाना की गई है। रेलवे ने सोनपुर 06158221645, हाजीपुर 06224272230 और बरौनी 06279232222 के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
आइये जानते हैं पिछले एक दशक में हुए कुछ बड़े रेल हादसे
10 अक्तूबर 2018 : उत्तर प्रदेश के रायबरेली में न्यू फरक्का एक्सप्रेस की 9 बॉगी के पटरी से उतरने के बाद नौ लोगों की मारे गए थे जबकि करीब 50 से ज्यादा घायल हुए थे।
19 अगस्त 2017: को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर में उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई और 156 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
17 मार्च 2017: बंगलुरु के चित्रादुर्गा जिले में एक एंबुलेंस की ट्रेन से भिड़ंत होने के चलते चार महिलाओं की मौत हो गई।
22 जनवरी 2017: हीराखंड एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के विजयानगरम जिले में पटरी से उतर गई थी। इस दुर्घटना में 27 यात्रियों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हुए थे।
20 नवंबर 2016: उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 150 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए। यह देश के सबसे बड़े ट्रेन हादसों में से एक था। इसके बाद रेलवे ने रेल हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का वादा किया था।
5 अगस्त 2015: मध्य प्रदेश के हरदा के करीब एक ही जगह पर 10 मिनट के अंदर दो ट्रेन हादसे हुए। इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं। माचक नदी पर रेल पटरी धंसने की वजह से हरदा में यह हादसा हुआ। बता दें कि माचक नदी उफान पर थी। दुर्घटना में लगभग 31 मौतें हुईं।
8 जनवरी, 2014: बांद्रा-देहरादून एक्सप्रेस के तीन स्लीपर कोचों में आग लगने से चार लोग झुलसे, पांच लोगों की मौत हुई। यह हादसा सूरत के पास धनाउ रोड और घोलवड स्टेशन के पास हुआ।
17 फरवरी, 2014: नासिक जिले के घोटी में निजामुद्दीन एर्नाकुलम लक्षद्वीप मंगला एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतरे। तीन यात्रियों की मौत और 37 अन्य घायल हुए।
4 मई, 2014: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में कोंकण रेलवे रूट पर एक सवारी गाड़ी का इंजन और छह डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में कम से कम 18 लोगों की मौत हुई जबकि 124 लोग घायल हुए।
26 मई, 2014: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक मालगाड़ी को उसी ट्रैक पर टक्कर मार दी। हादसे में कम से कम 22 लोगों की मौत। यह दुर्घटना चुरेन रेलवे स्टेशन के पास हुई।
28 दिसंबर, 2013: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पुत्तापर्थी के पास बेंगलुरु नांदेड़ एक्सप्रेस के एक एसी कोच में आग लगने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 12 अन्य लोग घायल हुए। मरने वालों में दो बच्चे भी थे। हादसा उस वक्त हुआ जब ज्यादातर मुसाफिर सो रहे थे।