जम्मू-कश्मीर में जल्द होने वाले हैं विधानसभा चुनाव? सिक्योरिटी ऑफिसर बोले- हमारी तैयारियां शुरू
जम्मू-कश्मीर में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस गर्मी में विधानसभा चुनाव करवा सकता है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से यह पहला इलेक्शन होगा।
जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने के संकेत मिल रहे हैं। सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव और अमरनाथ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। कश्मीर ऑपरेशंस के IG CRPF एमए भाटिया ने PM-JAY के तहत त्राल में यूनिट हॉस्पिटल के उद्घाटन के दौरान यह बात कही। भाटिया ने कहा कि चुनाव या अमरनाथ यात्रा जैसे कार्यक्रमों की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा, 'हमारा प्रयास होगा कि यहां कोई भी कार्यक्रम हो, चाहे चुनाव हो या फिर यात्रा... हम तैनात रहेंगे। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था व सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस गर्मी में विधानसभा चुनाव करवा सकता है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इसे 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से यह पहला इलेक्शन होगा। परिसीमन की कवायद पूरी होने और अक्टूबर में अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ चुनाव के लिए जमीनी कार्य लगभग पूरा हो गया है। पिछले साल 5 मई को जम्मू के लिए 43 सीटें और कश्मीर के लिए 47 सीटें निर्धारित की गईं। इस तरह विधानसभा की कुल सीटें 90 हो गईं जो पहले की 83 सीटों से अधिक हैं। इससे पहले जम्मू में 37 और कश्मीर में 46 सीटें थीं।
'किसी भी कार्यक्रम के लिए हमेशा तैयार'
भाटिया ने कहा कि चाहे चुनाव हो या अमरनाथ यात्रा, कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल हमेशा सतर्क रहते हैं। हम यह सुनश्चिति करने की कोशिश करते हैं कि सब कुछ शांतिपूर्वक हो। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ यूनिट अस्पताल को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमजीएवाई) योजना के अंतर्गत खोला गया है और इसे आम लोगों के लिए भी खोला जाएगा। सीआरपीएफ के सभी अस्पतालों को भी आम लोगों के लिए खोला जाएगा जिससे उन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा।
जल्द चुनाव कराए जाने की मांग पकड़ रही जोर
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों की ओर से जल्द चुनाव कराए जाने की मांग भी जोर पकड़ रही है। हाल ही में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने जम्मू कश्मीर में जनता और नौकरशाही के बीच संवाद की कमी होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए स्वतंत्र व निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराया जाना चाहिए। अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की भी मांग की।
कुछ दिनों पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर केंद्रशासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने का केंद्र का दावा सही है तो उसे जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना चाहिए। श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर लोगों के साथ नौटंकी कर रही है। अब्दुल्ला ने कहा, 'सवाल उठता है कि भारत सरकार कह रही है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य है। सीमांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अगर चुनाव हर जगह कराए जा रहे हैं तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं?'
अमरनाथ यात्रा के इंतजामों की समीक्षा शुरू
वहीं, अमरनाथ यात्रा सामान्य रूप से हर साल जून या जुलाई में अनंतनाग जिले के नुनवान-पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटाल मार्गों से शुरू होती है। प्रशासन ने अभी से अमरनाथ यात्रा के इंतजामों की समीक्षा शुरू कर दी है। पिछले महीने डिविजन कमीश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने इस वर्ष आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्था करने को लेकर बैठक बुलाई थी। उन्होंने पशुपालन विभाग के संबंधित अधिकारियों को घोड़ों सहित अन्य पशुओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए थे।