बीआर आंबेडकर की चुनावी हार का कौन जिम्मेदार? जेपी नड्डा से भिड़े जयराम रमेश, क्या बोले इतिहासकार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'मैं आपको अशोक गोपाल की एक हालिया किताब के अंश भेज रहा हूं, जो न केवल नवीनतम हैं बल्कि आंबेडकर की सबसे व्यापक और सावधानीपूर्वक शोध की गई जीवनी है।'
बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर बीते कुछ दिनों से कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने-सामने हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आंबेडकर को लेकर झूठा दावा किया। उन्होंने कहा था कि 1952 के लोकसभा चुनाव में आंबेडकर की हार के लिए देश की सबसे पुरानी पार्टी जिम्मेदार है। कांग्रेस नेता ने एक किताब का हवाला देते हुए कहा कि आंबेडकर ने अपनी हार के लिए कम्युनिस्ट नेता एसए डांगे और विनायक दामोदर सावरकर को जिम्मेदार ठहराया था। रमेश ने नड्डा को लिखे पत्र में कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने 2 जुलाई को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने भाषण में बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 1952 के लोकसभा चुनावों में आंबेडकर की हार सुनिश्चित की थी।
जयराम रमेश ने कहा, 'मैं आपको अशोक गोपाल की एक हालिया किताब के अंश भेज रहा हूं, जो न केवल नवीनतम हैं बल्कि आंबेडकर की सबसे व्यापक और सावधानीपूर्वक शोध की गई जीवनी है। यह 1952 के चुनाव की वास्तविकता को प्रस्तुत करता है। आंबेडकर ने अपनी हार के लिए कम्युनिस्ट नेताओं एसए डांगे और सावरकर को दोषी ठहराया था।' रमेश ने नड्डा को लिखे अपने पत्र में कहा कि अशोक गोपाल की ओर से कोट किया गया आंबेडकर का पत्र राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध है। कांग्रेस नेता ने एक्स पर नड्डा को लिखा अपना पत्र और गोपाल की किताब के अंश भी साझा किए, जिनमें 18 जनवरी 1952 के एक पत्र का हवाला दिया गया है। उस पत्र में आंबेडकर ने कहा था कि उन्हें हराने की साजिश डांगे और सावरकर ने रची थी।
इतिहासकार ने अपनी किताब में क्या लिखा
अशोक गोपाल की किताब 'ए पार्ट अपार्ट: द लाइफ एंड थॉट ऑफ बी.आर. आंबेडकर' के मुताबिक, 1952 में आंबेडकर बॉम्बे नॉर्थ एससी आरक्षित सीट से चुनाव लड़े जहां कांग्रेस ने नारायण काजरोलकर को मैदान में उतारा था। इस दौरान 261,713 वैध वोटों में से आंबेडर को 123,576 मत मिले। वह 14,561 वोटों से हार गए। डबल वोटिंग के कारण आंबेडकर को 3000 से कम अवैध वोट मिले, जबकि डांगे को लगभग 39000 अवैध डबल वोट मिले थे। हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में इतिहासकार अशोक गोपाल ने आंबेडकर के बारे में अपने एक दशक लंबे अध्ययन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 'मैंने केवल आंबेडकर को पढ़ा कि उन्होंने क्या पढ़ा था, उनके बारे में क्या लिखा गया और उनके समय के बारे में क्या लिखा गया। मैं उन्हें पूरी तरह समझना चाहता था।' उन्होंने कहा कि किताब लिखने का विचार एक मित्र के कहने पर आया। उसने यह सुझाव दिया कि मुझे अपने रिसर्च को दूसरे लोगों तक भी पहुंचाना चाहिए। इस पुस्तक का मकसद बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों को आम जनता से परिचित कराना है।
'कांग्रेस ने आंबेडकर को कमतर करने का किया प्रयास'
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने आंबेडकर को कमतर करने का प्रयास किया और उन्हें भारत रत्न तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आंबेडकर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और उन्हें सदन में अपने इस्तीफे के बारे में बोलने की अनुमति तक नहीं दी गई। इसके बाद बाबा साहेब को अगले दिन संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि 1990 में भाजपा समर्थित जनता दल की सरकार ने बाबासाहेब को भारत रत्न दिया और संसद के केंद्रीय कक्ष में उनकी तस्वीर लगवाई। सदन के नेता नड्डा ने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने आंबेडकर को सम्मानित करने के लिए सिर्फ बयानबाजी नहीं की, बल्कि उनसे जुड़े स्थलों का विकास भी किया। मोदी सरकार ने उनसे जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ बनाया।'
(एजेंसी इनपुट के साथ)