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हमारा आंदोलन सरकार के खिलाफ नहीं, BJP लीडर ने ली थी परमिशन; सत्यव्रत-साक्षी ने बताई पूरी बात

सत्यव्रत ने कहा, 'हमने बार-बार यह बताया कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है। यह लड़ाई रेसलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट के खिलाफ है, क्योंकि उसने जो भी शोषण किया है वो पद पर रहने के दौरान किया है।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 17 June 2023 01:00 PM
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भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों में शामिल साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान का वीडियो सामने आया है। इसके जरिए उन्होंने विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी तमाम बातें साझा की हैं। इन पहलवानों का कहना है कि वे आंदोलन से जुड़े विवादों पर अपना रुख साफ कर देना चाहते हैं। सत्यव्रत ने कहा, 'हमने बार-बार यह बताया है कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है। हमारी लड़ाई रेसलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट के खिलाफ है, क्योंकि उसने जो भी शोषण किया है वो पद पर रहने के दौरान किया है।' उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार से वैसे भी नहीं हो सकती है, क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह भी सत्ताधारी दल से है। साथ ही जिन लोगों ने प्रोटेस्ट की परमिशन ली, वो भी बीजेपी के ही लीडर हैं। इससे साफ हो जाता है कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं थी। 

सत्यव्रत कादियान ने कहा, 'हमारे ऊपर आरोप लगा कि हमारा आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। ऐसा कहा गया कि कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने हमें इसके लिए उकसाया है। यह सबको पता है कि हम जनवरी में पहली बार जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए आए थे। इस प्रदर्शन की परमिशन बीजेपी के ही दो नेताओं से ने ली थी। हमारे पास इसका सबूत भी है। ऐसे में यह कैसे हो सकता है कि प्रोटेस्ट कांग्रेस नेताओं ने कराया हो।' इस दौरान साक्षी मलिक ने अपने मोबाइल फोन से एक कॉपी भी दिखाई।

'अगर कोई अकेले ही आवाज उठाता तो...'
पहलवान कादियान ने कहा कि कुश्ती से जुड़े 90 फीसदी लोगों को पता था कि फेडरेशन के अंदर ये सब चल रहा है। कुछ लोगों ने यह देखा भी था और मीडिया में इसका सबूत भी पेश किया गया। उन्होंने कहा, 'कई लोग इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे मगर रेसलिंग कम्युनिटी के बीच एकता की कमी थी। अगर किसी ने अकेले ही आवाज उठाने की कोशिश की तो यह बात फेडरेशन के प्रेसिडेंट तक पहुंच जाती थी। इसके बाद उस शख्स के करियर में दिक्कत आनी शुरू हो जाती थी।'

साक्षी ने बताया अब तक चुप रहने का कारण
साक्षी मलिक ने कहा, 'हमारे ऊपर दूसरा आरोप यह भी था कि हम इतने समय तक चुप क्यों थे। इसके कई कारण हैं। सबसे पहली बात यह कि एकता की कमी थी। दूसरा कारण रही वो नाबालिग लड़की, जिसने कई बार अपने बयान बदले क्योंकि उसके परिवार को डराया-धमकाया गया। ऐसे में कोई अकेले-अकेले आवाज कैसे उठाता।' उन्होंने कहा कि कुश्ती में आने वाले सभी खिलाड़ी बहुत गरीब परिवार से होते हैं। इन लोगों में हिम्मत नहीं होती कि इतने पावरफुल शख्स के खिलाफ आवाज उठा सकें। आपने यह महसूस किया होगा कि देश के टॉप रेसलर्स ने आवाज उठाई और उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।'

'महिला पहलवानों के साथ जो व्यवहार हुआ...'
सत्यव्रत कादियान ने कहा कि 28 तारीख को महिला पहलवानों के साथ जो व्यवहार हुआ, वो पूरे देश ने देखा है। कैसे उन्हें घसीटा गया और कैसे जबरदस्ती अरेस्ट किया गया। हमने कोई कानून नहीं तोड़ा था और न ही किसी कानून का उल्लंघन किया था। इसके बावजूद पुलिस की ओर से हमारे साथ बर्बर व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा, 'हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि 28 मई की जो महिला सम्मान महापंचायत थी वो हमारी ओर से नहीं बुलाई गई। यह हमारे खाप चौधरियों ने दी थी। हमें तो यह बाद में पता चला कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन भी है। हमने अपने बड़े-बुजुर्गों के आदेश का पालन किया।'

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